पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूली से बढ़ा सरकार का राजस्व, जानें कितना रहा

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Updated Nov 30, 2021 | 16:59 IST

चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में देश में अलग-अलग पेट्रोलियम पदार्थों के विनिर्माण पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली से सरकार का राजस्व 1,99,416 करोड़ रुपये रहा।

revenue increased due to collection of central excise duty on petroleum products
पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद शुल्क वसूली से बढ़ा राजस्व  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में पेट्रोलियम पदार्थों के विनिर्माण पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली से सरकार का राजस्व बढ़ा।
  • इस दौरान सरकार के राजस्व में 26.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान अप्रैल से सितंबर के बीच लगभग 1,57,585 करोड़ रुपये का केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूला गया था।

नई दिल्ली। मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान देश में अलग-अलग पेट्रोलियम पदार्थों के विनिर्माण पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली से सरकार का राजस्व करीब 26.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,99,416 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। गौरतलब है कि इस अवधि के दौरान देश में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य ऊंचे स्तरों पर रहे थे।

नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के प्रणाली एवं आंकड़ा प्रबंधन विभाग ने उन्हें पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूली को लेकर सूचना के अधिकार के जरिये जानकारी दी है।

पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इतना था राजस्व
गौड़ को आरटीआई से मिले ब्योरे के मुताबिक देश में पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान अप्रैल से सितंबर के बीच अलग-अलग पेट्रोलियम पदार्थों के विनिर्माण पर लगभग 1,57,585 करोड़ रुपये का केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूला गया था।

पेट्रोलियम उत्पादों पर इतना बढ़ा उत्पाद शुल्क का राजस्व
जानकारी के मुताबिक आलोच्य अवधि में केंद्रीय उत्पाद शुल्क का राजस्व एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर 183.22 करोड़ रुपये से बढ़कर 684.32 करोड़ रुपये, कच्चे तेल पर 3,079.88 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,377.65 करोड़ रुपये, डीजल पर 1,06,102.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,33,455.34 करोड़ रुपये, गैस पर 475.16 करोड़ रुपये से बढ़कर 886.05 करोड़ रुपये और पेट्रोल पर 47,744.04 करोड़ रुपये से बढ़कर 58,012.91 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

नवंबर में की थी पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती
सरकार ने नवंबर की शुरुआत में आम आदमी को महंगाई से कुछ राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty On Petrol-Diesel) की दरों में क्रमश: पांच और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। सरकारी कर राजस्व पर इस कटौती का असर मौजूदा वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के आंकड़ों में दिखाई दे सकता है।

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