400 स्टेशन, 90 पैंसेजर ट्रेन सहित रेलवे की इन संपत्तियों से सरकार कमाएगी 1.5 लाख करोड़, जानें पूरा प्लान

बिजनेस
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Aug 25, 2021 | 17:01 IST

सरकार रेलवे के जरिए 1.52 लाख करोड़ रुपये अगले चार साल में जुटाना चाहती है। लेकिन इसके लिए नियम और शर्तें ऐसी बनानी होंगी, जिससे प्राइवेट सेक्टर को कमाई का भरोसा हो सके।

Indian Railway
भारतीय रेल से सरकार कमाएगी 1.52 लाख करोड़ रुपये 
मुख्य बातें
  • 400 रेलवे स्टेशन का रिडेवलपमेंट होगा। जिसमें 50 टियर-1,टियर-2 के 100 और 250 टियर-3 शहरों के स्टेशन होंगे।
  • पीपीपी मॉडल के तहत कालका-शिमला, नीलगिरी, दार्जीलिंग, माथेरान रेलवे का मोनेटाइजेशन होगा।
  • मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, हावड़ा, पटना, सिकंदराबाद,जयपुर, चेन्नई, बेंगलुरू शहरों के लिए प्राइवेट चलाने के लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले चार साल में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइप लाइन  के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्लान पेश कर दिया है। इसके तहत अकेले रेलवे से 1,52,496 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। जो कि कुल रकम का 26 फीसदी है। जाहिर है सरकार रेलवे के जरिए बड़ी कमाई करना चाहती है। नीति आयोग ने इसके तहत जो प्लान तैयार किया है, उसके अनुसार 400 रेलवे स्टेशन, 90 पैंसेजर ट्रेन, चार पहाड़ पर मौजूद रेलवे, कोंकण रेलवे, 15 स्टेडियम, 673 किलोमीटर के डेडिकेट फ्रेट कॉरीडोर, 265 गुड शेड्स और 1400 किलोमीटर लंबे ओवर हेड इक्वीपमेंट से कमाई करने की तैयारी है। इनके जरिए सरकार अगले 4 साल में रेलवे से 1.50 लाख करोड़ जुटाने का प्लान कर रही है।

कौन सी संपत्ति का मोनेटाइजेशन

संपत्ति 2021-22 2022-23 2023-23 2024-25 कुल
रेलवे स्टेशन रिडवेलपमेंट 40 120 120 120 400 स्टेशन
पैंसेजर ट्रेन   30 30 30 90 ट्रेन
ट्रैक-ओएचई आईएवीआईटी   1400 किमी     1400 किमी
गुड शेड्स    75 100 90 265
कोंकण रेलवे     741 किमी   741 किमी
पहाड़ के रेलवे 2 2     4
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर     337 किमी 337 किमी 674 किमी
रेलवे स्टेडियम 3 5 5 2 15

रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन आर.एन.मल्होत्रा ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल को बताया "देखिए यह एक महत्वाकांक्षी योजना है। अगर आपको मोनेटाइजेशन के जरिए पैसा जुटाना है, तो उसे प्राइवेट सेक्टर के लिए आकर्षक बनाना होगा। प्राइवेट ट्रेन चलाने के मामले में हम देख चुके हैं कि दोबारा टेंडर निकालना पड़ा। क्योंकि नियम और शर्तें प्राइवेट सेक्टर को आकर्षक नहीं लगीं। ऐसे में हमें इस लक्ष्य को पाने के लिए काफी विशेषज्ञता की जरूरत पड़ेगी। जिससे प्राइवेट सेक्टर को कमाई का भरोसा हो सके। जहां तक विपक्ष के निजीकरण के आरोपों की बात है तो सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा।"

कैसे होगी कमाई

मल्होत्रा कहते हैं स्टेशन रिडेवलपमेंट और पैंसेजर ट्रेन की कमाई का मॉडल तो साफ है कि प्राइवेट सेक्टर निवेश करेगा और उसके बाद रेवेन्यू शेयरिंग के जरिए कमाई होगी। लेकिन ट्रैक के जरिए जहां तक कमाई की बात है तो दुनिया में यह बहुत सफल नहीं रहा है। इंग्लैंड में इस तरह की कोशिश की गई थी लेकिन बाद में फिर से सरकार को ही अपने हाथ में लेना पड़ा। जहां तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की बात है को उस ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनों से होने वाली कमाई पर आधारित होगा।

किससे कितनी कमाई

संपत्ति कुल (करोड़ रुपये )
रेलवे स्टेशन रिडवेलपमेंट 76250
पैंसेजर ट्रेन 21642
ट्रैक-ओएचई आईएवीआईटी 18700
गुड शेड्स  5565
कोंकण रेलवे 7281
पहाड़ के रेलवे 630
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 20178
रेलवे स्टेडियम 2250

इन जगहों के लिए प्राइवेट ट्रेन

नीति आयोग के अनुसार देश में इस समय 12 क्लस्टर में प्राइवेट चलाने के लिए बिडिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, हावड़ा, पटना, सिकंदराबाद,जयपुर, चेन्नई, बेंगलुरू शामिल हैं।

पहाड़ों के रेलवे का मोनेटाइजेशन

सरकार पीपीपी मॉडल के तहत कालका-शिमला, नीलगिरी, दार्जीलिंग, माथेरान रेलवे का मोनेटाइजेशन करेगी।

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