PM Vani Yojana : पीएम वाणी योजना के जरिए Wi-Fi नेटवर्क लगाएगी सरकार, ब्रॉडबैंड का होगा प्रसार

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भाषा
Updated Dec 09, 2020 | 19:08 IST

केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के कहा कि कैबिनेट ने ‘प्रधानमंत्री वाणी’ योजना के माध्यम से सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क के प्रसार की रुपरेखा को मंजूरी दी।  

Government will set up public Wi-Fi network through PM Vani, broadband will be expanded
वाई-फाई  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : देशभर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच के विस्तार के लिए सरकार ने तमाम पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) के जरिये सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क की स्थापना को मंजूरी दे दी है। पीडीओ एक छोटी दुकान या साझा सेवा केंद्र (सीएससी) भी हो सकते हैं, जिनके लिए न तो लाइसेंस और न ही रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी। साथ ही इनपर किसी तरह का शुल्क भी नहीं लगेगा। सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम वाणी) से देश में एक बड़ी वाई-फाई क्रांति आने की उम्मीद सरकार को है।

पीडीओ के लिए न लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क की रूपरेखा को मंजूरी दे दी। इसमें कई ‘खिलाड़ी’ मसलन..पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ), पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर्स और ऐप प्रदाता शामिल रहेंगे। संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि पीडीओ के लिए कोई लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी, न ही इनके रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी। इन पर कोई शुल्क लागू नहीं होगा। पीडीओ छोटी दुकानें या साझा सेवा केंद्र (सीएससी) भी हो सकते हैं।

ग्राहकों तक पहुंचाई जाएगी ब्रॉडबैंड सेवाएं भी 

पीडीओ वाई-फाई एक्सेस पॉइंट को स्थापित करेंगे और उसका रखरखाव और परिचालन करेंगे। साथ ही वे ग्राहकों तक ब्रॉडबैंड सेवाएं भी पहुंचाएंगे। पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (पीडीओए) पीडीओ के एग्रीगेटर (सूत्रधार) के रूप में काम करेंगे तथा मंजूरी और लेखा-जोखा रखने का कामकाज करेंगे।

वाई-फाई हॉटस्पॉट की पहचान की जाएगी

ऐप प्रदाता पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं के लिए ऐप विकसित करेंगे और नजदीकी क्षेत्रों में वाणी अनुकूल वाई-फाई हॉटस्पॉट की पहचान करेंगे और इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच के लिए इसे ऐप के अंदर प्रदर्शित करेंगे। एक केंद्रीय रजिस्ट्री ऐप प्रदाताओं, पीडीओए और पीडीओ का ब्योरा रखेगी।

कोई शुल्क नहीं देना होगा

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुरुआत में सी-डॉट केंद्रीय रजिस्ट्री का कामकाज देखेगा। बयान में कहा गया है कि पीडीओ के लिए किसी तरह के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। वहीं पीडीओए और ऐप प्रदाता ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल के जरिये दूरसंचार विभाग के पास अपना पंजीकरण करा सकेंगे। उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन के सात दिन के भीतर उनका पंजीकरण हो जाएगा।

बयान में कहा गया है कि यह कारोबार की दृष्टि से अधिक अनुकूल होगा। यह कारोबार सुगमता के प्रयासों को भी मजबूत करेगा। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर देश में बड़ी संख्या में लोगों तक एक स्थिर और तेज गति की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा पहुंचाने की जरूरत थी। इसे उन क्षेत्रों तक भी पहुंचाया जाएगा जहां 4जी नहीं है। 

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर 

बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक वाई-फाई के प्रसार से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि लघु एवं मझोले उद्यमियों के हाथ में खर्च के लिए अधिक पैसा आएगा। इससे देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

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