GST Council meeting: 8 महीने बाद जीएसटी काउंसिल की मीटिंग क्यों है अहम, एक नजर

शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में कोविड-19 के लिए इस्तेमाल किए जाए रहे उपकरणों के साथ साथ राज्यों की क्षतिपूर्ति पर चर्चा हो सकती है।

GST Council meeting: 8 महीने बाद जीएसटी काउंसिल की मीटिंग पर नजर, विपक्षी राज्यों ने कसी कमर
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री 
मुख्य बातें
  • शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग
  • विपक्षी राज्यों ने कोविड दवाइयों और उपकरणों पर टैक्स कम करने की अपील की
  • काउंसिल की बैठक में क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर बातचीत की उम्मीद

जीएसटी परिषद की बैठक शुक्रवार को होने जा रही है जिसमें कोविड से जुड़ी सामग्री मसलन दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर को कम करने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के तौर-तरीकों पर भी चर्चा होगी।सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली परिषद की करीब आठ माह में यह पहली बैठक होगी। बैठक से पहले गैर-भाजपा शासित राज्यों मसलन राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, केरल और पश्चिम बंगाल ने कोविड से जुड़ी आवश्यक सामग्री पर शून्य कर की दर के लिए दबाव बनाने की संयुक्त रणनीति तैयार की है।

जीएसटी काउंसिल में मंथन पर नजर
जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।कर की दरों पर विचार विमर्श के अलावा परिषद में राज्यों को अनुमानत: 2.69 लाख करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने पर भी चर्चा होगी। वर्ष 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को वैट और अन्य कर लगाने के उनके अधिकार को छोड़ने पर राजी करते हुये उनके राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया गया था।सूत्रों ने बताया कि जीएसटी दरों पर फिटमेंट समिति ने परिषद को कोविड टीके, दवाओं और अन्य उपकरणों पर कर की दर को शून्य करने के गुण-दोष पर रिपोर्ट सौंप दी है। इस समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं।

कोविड उपकरणों पर छूट के मुद्दे पर चर्चा
यदि अंतिम उत्पाद को जीएसटी से छूट दी जाती है तो विनिर्माताओं के पास कच्चे माल पर इनपुट कर क्रेडिट के लाभ का दावा करने का विकल्प नहीं बचेगा। ऐसे में उपभोक्ताओं को कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा। वर्ष 2018 में परिषद ने कई महिला संगठनों की मांग पर सेनेटरी नैपकिंस को जीएसटी मुक्त किया था। इस पर 12 प्रतिशत की दर से यह कर लगता था। लेकिन जीएसटी मुक्त किये जाने के बाद उपभोक्ताओं को कोई खास लाभ नहीं मिला क्योंकि विनिर्माताओं को आपूर्ति श्रृंखला में लगने वाले कर की वापसी का लाभ नहीं मिला।



आखिर यह बैठक क्यों है अहम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस माह के शुरू में कोविड संबंधी टीकों, दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर को जीएसटी से छूट दिये जाने की मांग को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इस तरह की छूट दिये जाने से उपभोक्ताओं के लिये ये जीवनरक्षक सामग्री महंगी हो जायेगी क्योंकि इसके विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिये गये कर का लाभ नहीं मिल पायेगा।वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक तौर पर आयात पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।

जहां तक राज्यों का राजस्व क्षतिपूर्ति की बात है केन्द्र ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इस मद में 2.69 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान लगाया है। केन्द्र को विलासिता, अहितकर और तंबाकू उत्पादों पर लागू उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जबकि शेष 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटाने होंगे।

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