GST Council meeting: कोरोना संबंधित दवाओं पर छूट रहेगी जारी, पेट्रोल-डीजल पर फैसला नहीं

GST Meeting: पेट्रोल-डीजल के मुद्दे पर जीएसटी परिषद ने कोई फैसला नहीं किया, हालांकि कोरोना संबंधी दवाओं पर रियायत अवधि को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया है।

GST Meeting in Lucknow
लखनऊ में जीएसटी परिषद की बैठक हुई थी  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कोरोना संबंधित दवाओं पर छूट 31 दिसंबर तक रहेगी जारी
  • एम्फोटेरिसिन बी - शून्य दर, टोसीलिज़ुमैब - शून्य दर, रेमेडिसविर - 5%, हेपरिन जैसे थक्कारोधी - 5% जीएसटी
  • पेट्रोल और डीजल पर फैसला नहीं महाराष्ट्र, केरल पेट्रोल-डीजल खुल कर कर रहे हैं विरो

लखनऊ: GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की 45वीं बैठक खत्म हो गई है। और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को बड़ा झटका लगा है। बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमति नहीं बन पाई है। असल में महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर खुलकर सामने आ गए थे। इसे देखते हुए आज की बैठक में पेट्रोल-डीजल पर फैसला टल गया है। हालांकि कोरोना संबंधित दवाओं पर रियायत 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है। 


कोरोना संबंधित दवाओं पर रियायत 31 दिसंबर 2021 तक

कोरोना से संबंधित दवाओं पर रियायती जीएसटी दरों को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। एम्फोटेरिसिन बी - शून्य दर, टोसीलिज़ुमैब - शून्य दर, रेमेडिसविर - 5%, हेपरिन जैसे थक्कारोधी - 5%। ये रियायती दरें जो 30 सितंबर तक वैध थीं अब 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाई जा रही हैं।हमने पिछले एक साल में और शायद पहले देखा है कि कुछ जीवन रक्षक दवाएं, जो कोरोना से जुड़ी नहीं हैं और बहुत महंगी हैं। ऐसी दवाओं के लिए छूट दी गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वो दो नाम ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो का जिक्र इसलिए कर रही हैं क्योंकि ये दोनों दवाएं बेहद जरूरी और महंगी हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। परिषद ने इन 2 के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है।स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सिफारिश पर मस्कुलर एट्रोफी के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाई गई दवाओं को भी व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात पर IGST से छूट दी गई है।

कुछ और फैसलों पर नजर
डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है।उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर लागू रियायती जीएसटी दरों का समय 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है।

परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का भी निर्णय किया है।इसके अलावा, माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिये राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले राष्ट्रीय परमिट शुल्क से छूट देने का फैसला किया गया है।

सीतारमण ने कहा कि परिषद ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर एक जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे (कच्चे माल पर कम और तैयार माल पर अधिक शुल्क) को ठीक करने को लेकर सहमति जतायी है।उन्होंने कहा कि कलम पर 18 प्रतिशत की एकल दर से जीएसटी जबकि विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगाने का निर्णय किया गया है।परिष्द द्वारा लिये गये एक अन्य फैसले में कहा गया है कि स्विगी और जोमैटो जैसी ई-वाणिज्य इकाइयां उनके जरिये आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवा पर जीएसटी का भुगतान करेंगी, यह कर डिलिवरी बिंदु पर वसूला जाएगा।


पेट्रोल-डीजल पर नहीं हुआ फैसला

इस बार की मीटिंग इस बात की काफी चर्चा थी कि पेट्रोल और डीजल के जीएसटी के दायरे में लाने का रोडमैप तैयार हो सकता है।  केंद्र सरकार यह चाह रही थी कि राज्यों के साथ सहमति बनाकर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में कब तक लाया जाएगा, उसका रोडमैप तैयार हो जाय। लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। क्योंकि 6-7 राज्य अभी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने को तैयार नहीं है। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर