GST Rates Increased: 1 जनवरी से महंगे होंगे जूते व कपड़े, GST दरों में हुआ इजाफा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Nov 22, 2021 | 11:22 IST

GST Rates Increased: वित्त मंत्रालय ने मानव मेड फाइबर, धागे और फैब्रिक पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला लिया है।

GST rate on MMF, yarn, fabrics
1 जनवरी से महंगे होंगे जूते व कपड़े, GST दरों में हुआ इजाफा (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • जनवरी 2022 से रेडिमेड कपड़े, टेक्सटाइल और फुटवियर खरीदना महंगा हो जाएगा।
  • सरकार ने इन उत्पादों पर जीएसटी दरें बढ़ाने का फैसला लिया है।
  • चालू वित्त वर्ष में कर संग्रह 22.2 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

GST Rates Increased: नए साल से महंगाई का झटका लगने वाला है क्योंकि देश में कपड़े और जूते के दाम बढ़ जाएंगे। वित्त मंत्रालय ने मानव मेड फाइबर (MMF), धागे (Yarn) और फैब्रिक (fabric) पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला लिया है। कुछ सिंथेटिक फाइबर और यार्न के लिए जीएसटी दरों को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया है। मौजूदा समय में एमएमएफ, एमएमएफ यार्न और एमएमएफ फैब्रिक पर जीएसटी की दर क्रमश: 18 फीसदी, 12 फीसदी और 5 फीसदी है। पहले 1,000 रुपये तक की कीमत के फैब्रिक पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता और राज्यों के वित्त मंत्रियों की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद (GST Council) ने 17 सितंबर को अपनी पिछली बैठक में यह फैसला लिया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने GST दर अधिसूचित की।

जानें विशेषज्ञों ने क्या कहा 
विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि जीएसटी कानून में अनयूटिलाइज्ड इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को रिफंड के रूप में दावा करने का प्रावधान है, लेकिन अन्य जटिलताएं भी थीं और इसकी वजह से अधिक अनुपालन बोझ था। इनवर्टेड कर ढांचे (inverted tax structure) क्षेत्र के कराधान की दर में प्रभावी वृद्धि का कारण बना।

इस संदर्भ में ईवाई टैक्स पार्टनर बिपिन सपरा ने कहा कि कपड़ा उद्योग (textile industry) में दरों में बदलाव का उद्देश्य इनवर्टेड कर ढांचे में सुधार करना है और क्षेत्र के लिए एक कुशल कर संरचना लाना है।

22.2 लाख करोड़ रुपये के कर संग्रह का अनुमान
मालूम हो कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में कर संग्रह (Tax collection) 22.2 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.5 फीसदी ज्यादा है। 2020-21 में कर संग्रह 20.2 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर तक सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह छह लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं प्रतिमाह औसत माल एवं सेवा कर संग्रह करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये है।

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