Cryptocurrency: नई गाइडलाइन जारी, 1 अप्रैल से क्रिप्टो विज्ञापनों में देनी होगी ये जानकारी

बिजनेस
भाषा
Updated Feb 23, 2022 | 18:26 IST

Cryptocurrency News: हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पोंजी योजनाओं से भी बुरी हो सकती है।

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Cryptocurrency: नई गाइडलाइन जारी, 1 अप्रैल से क्रिप्टो विज्ञापनों में देनी होगी ये जानकारी (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता के लिहाज से खतरा हो सकती है।
  • क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाना हो सकता है सही: RBI के डिप्टी गवर्नर।
  • जल्द ही आरबीआई अपना डिजिटल रुपया (Digital rupee) लॉन्च करेगा।

Cryptocurrency News: विज्ञापनदाताओं (Advertisers) को क्रिप्टो उत्पाद (Crypto Products) और अन्य डिजिटल संपत्ति (non-fungible tokens, NFT) से संबंधित विज्ञापनों में एक अप्रैल से घोषणा या अस्वीकरण के जरिए यह बताना अनिवार्य होगा कि यह 'अत्यधिक जोखिम' और 'बिना नियमन वाले' उत्पाद हैं।

क्या है एनएफटी? (What is NFT)
दरअसल एनएफटी डिजिटल संपत्ति है, जिसका कारोबार किया जाता है । इस श्रेणी के उत्पादों में कला से जुड़े कार्य, संगीत, वीडियो गेम आदि शामिल हैं। भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने बुधवार को बताया कि इस तरह के विज्ञापनों में यह भी दिखाना अनिवार्य होगा कि क्रिप्टो के लेनदेन में किसी भी तरह के नुकसान के लिए नियामक जिम्मेदार नहीं होगा।

ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति में क्रिप्टो या एनएफटी शामिल 
एएससीआई के अनुसार, सभी ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति (VDA) को क्रिप्टो की सेवाओं के विज्ञापनों में 'महत्वपूर्ण और जरूरी' बिंदुओं को अस्वीकरण में दर्शाना होगा। ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति में क्रिप्टो या एनएफटी शामिल हैं।

लगातार बढ़ रही है क्रिप्टो विज्ञापनों की संख्या
एएससीआई के अनुसार, क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन के दिशानिर्देशों की घोषणा उद्योग से जुड़े लोगों, सरकार और वित्तीय नियामकों के साथ परामर्श के बाद की गई है। नियामक की तरफ से ये दिशा-निर्देश ऐसे समय में जारी किये गए है, जब लगातार क्रिप्टो या एनएफटी से संबंधित विज्ञापनों की संख्या बढ़ती जा रही है।

विज्ञापन के लिए तय दिशा-निर्देशों की आवश्यकता
एएससीआई के अध्यक्ष सुभाष कामत ने कहा कि एनएफटी और क्रिप्टो के विज्ञापन के लिए तय दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है। यह निवेश का एक नया और अभी तक उभरता हुआ तरीका बन रहा है। इसलिए उपभोक्ताओं को जोखिमों के बारे में जागरूक करने और उन्हें सावधानी से आगे बढ़ने के लिए आगाह करने की जरुरत है।

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