NSO का अनुमान, चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है भारत की जीडीपी

NSO के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 9.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। वहीं साख निर्धारण एजेंसी इक्रा रेटिंग्स के अनुसार कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से चौथी तिमाही की आर्थिक वृद्धि पर 0.4 फीसदी का असर पड़ सकता है।

Indian economy: Omicron Covid Third Wave can impact economic growth in the fourth quarter
NSO का अनुमान, चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है भारत की जीडीपी (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • एनएसओ के अनुसार, 2020-21 में जीडीपी 9.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
  • इक्रा के मुताबिक महामारी की तीसरी लहर से मार्च तिमाही की जीडीपी वृद्धि पर करीब 0.4 फीसदी का असर पड़ सकता है।
  • चुनौतीपूर्ण हालात में कर्जदारों की तरफ से ऋण पुनर्गठन के अनुरोध 0.15 से 0.20 फीसदी तक बढ़ सकते हैं।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने कहा कि 2020-21 में 7.3 फीसदी के संकुचन की तुलना में चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 9.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है।

इतना है सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान
वित्त वर्ष 2022 के लिए स्थिर कीमतों पर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान 147.54 लाख करोड़ रुपये है, जबकि वित्त वर्ष 2021 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनंतिम अनुमान 135.13 लाख करोड़ रुपये है। मूल कीमतों पर वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (GVA) 2021-22 में 135.22 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 124.53 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 8.6 फीसदी अधिक है।

वहीं इक्रा रेटिंग्स ने अनुमान लगाया है कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर (Covid Third Wave) से चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर पर 0.4 फीसदी का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके 4.5 से 5 फीसदी रहने का अनुमान है।

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले दिन प्रति दिन बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को देश में 1 लाख से अधिक कोरोना के मामले दर्ज हुए। इससे पहले साल 2021 में दूसरी लहर के दौरान इतने मामले आए थे। बढ़ते मामलों ने कोविड महामारी को लेकर चिंता बढ़ा दी है। महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।

प्रभावित होंगी आर्थिक गतिविधियां
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के सामने आने के बाद से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने हालांकि कहा कि अभी ठोस रूप से कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि तीसरी लहर की अभी शुरुआत ही है। उन्होंने कहा कि जो शुरुआती संकेत हैं और जिस गति से संक्रमण की दर बढ़ रही है, उससे आवाजाही पर और पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। इससे आर्थिक गतिविधियां खासकर संपर्क से जड़े क्षेत्र प्रभावित होंगे।

पूरे वित्त वर्ष के लिए इतना जताया अनुमान
नायर ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को नौ फीसदी पर बरकरार रखा है। इसके मामूली नीचे जाने का जोखिम है। इक्रा का अनुमान अन्य संस्थानों के अनुमान से कम है। अन्य संस्थानों ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.5 से 10 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके 9.5 फीसदी रहने की संभावना जताई है।

कर्ज पुनर्गठन का जोखिम बढ़ने की आशंका
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा का मानना है कि तीसरी लहर के सामने आने से बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता खासकर पुनर्गठित कर्जों के लिए बड़ा जोखिम हो सकता है। फंसे कर्जों के अलावा कर्जदाताओं को लाभ और कर्ज समाधान मोर्चे पर भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। चुनौतीपूर्ण हालात में कर्जदारों की तरफ से ऋण पुनर्गठन के अनुरोध 0.15 से 0.20 फीसदी तक बढ़ सकते हैं।

(इनपुट एजेंसी- भाषा)

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