नयी दिल्ली: देश की औद्योगिक उत्पादन (IIP) की वृद्धि दर जनवरी में बढ़कर दो प्रतिशत पर पहुंच गई। एक साल पहले इसी महीने में यह 1.6 प्रतिशत थी।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन की वजह से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि की रफ्तार सुस्त बनी हुई है।
आंकड़ों के अनुसार जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 1.5 प्रतिशत बढ़ा। एक साल पहले समान महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत थी।इसी तरह बिजली उत्पादन 3.1 प्रतिशत बढ़ा। जनवरी, 2019 में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़ा था।
जनवरी, 2020 में खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही। एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 3.8 प्रतिशत बढ़ा था। चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह (अप्रैल, 2019 से जनवरी, 2020) के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 0.5 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन 4.4 प्रतिशत बढ़ा था।
फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति नरम पड़कर 6.58 प्रतिशत रही
खाद्य कीमतों में नरमी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में धीमी पड़कर 6.58 प्रतिशत पर आ गयी। सरकार ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को आंकड़े जारी किए। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2020 में 7.59 प्रतिशत थी। जबकि फरवरी 2019 में यह आंकड़ा 2.57 प्रतिशत था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2020 में खाद्य क्षेत्र की महंगाई घटकर 10.81 प्रतिशत रही जो जनवरी में 13.63 प्रतिशत थी।
रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को तय करने में खुदरा मुद्रास्फीति एक अहम कारक होता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है।
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