भारतीय बिजनेसमैन की UAE में अनोखी पहल, कर्मचारियों की पत्नियों को भी देंगे वेतन

भारत में केरल के रहने वाले बिजनेसमैन डॉ. सोहन रॉय ने यूएई में अपने कर्मचारियों को बीबियों को सैलरी देने का फैसला किया है। जानिए क्यों?

Indian businessman dr sohan roy's unique initiative in UAE, will pay salary to employees' wives
Businessman Dr. Sohan Roy  |  तस्वीर साभार: Twitter

शायद पहली बार इस तरह की पहल देखने को मिल रही है। कोई भी कंपनी के मालिक या बिजनेसमैन अपने कर्मचारियों की बीबियों को सैलरी देगा। सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन यह सच है। यूएई के शारजाह में रहने वाले भारतीय बिजनेसमैन डॉ. सोहन रॉय (Dr Sohan Roy) ने अपने एयरिज ग्रुप ऑफ कंपनीज (Aries Group of Companies) के कर्मचारियों की पत्नियों (housewives) को नियमित तौर पर सैलरी देने का फैसला किया।  रॉय कोरोना वायरस महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों की प्रतिबद्धता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें नए तरीके से पुरस्कृत करने का फैसला किया।

खलीज टाइम्स के मुताबिक वर्तमान में, कंपनी मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों की पत्नियों का डेटाबेस तैयार कर रहा है। किसी गृहिणी को वेतन के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि कर्मचारी द्वारा कंपनी में किये गए वर्षों की संख्या द्वारा निर्धारित की जाएगी। इस पहल को जल्द ही आधिकारिक रूप से शुरू किया जाएगा।

रॉय भारत में केरल से हैं और एरिज ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक चेयरमैन और सीईओ हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और उनके परिवारों द्वारा किए गए सपोर्ट को वापस देने का समय है। वर्ष 2020 में जब कंपनी ने चुनौतीपूर्ण और अनिश्चित देखा है। महामारी के दौरान, कंपनी ने अपने किसी भी कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया और न ही उनके वेतन को कम किया।

गृहिणियों (housewives) को भुगतान करने के विचार ने रॉय को कैसे आया? 2012 में तत्कालीन बाल एवं महिला विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने एक प्रस्ताव दिया था, जिसमें हाउस वाइव्स को सामाजिक तौर पर और ज्यादा सशक्त पहचान देने की बात कही थी। पिछले महीने, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने एक दुर्घटना के मामले में मुआवजे की घोषणा करते हुए कहा कि घर में काम करने वाली पत्नियों की अहमियत उनके काम करने वाले पतियों से कम नहीं है।

अदालत के बयान से सीख लेते हुए रॉय ने इसे वास्तविकता में लागू करने का फैसला किया। और कहा कि महामारी के दौरान कम करने में कर्मचारियों और उनकी पत्नियों के योगदान को पहचानने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता था।

वर्तमान में एरिज ग्रुप ने अपने कर्मचारियों के माता-पिता को भी पेंशन दे रहा है, जिन्होंने तीन साल की सेवा पूरी कर ली है। साथ ही, कर्मचारियों के बच्चों को अध्ययन के लिए वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

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