Economic growth : अर्थव्यवस्था में नहीं हो रहा है सुधार, आरबीआई ने सुझाए रास्ते

बिजनेस
भाषा
Updated Aug 26, 2020 | 10:46 IST

Economic activities : आर्थिक गतिविधियों में गिरावट जारी है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई सुझाव दिए हैं।

Indian Economy is not improving, RBI suggested ways
बढ़त खो बैठी है अर्थव्यवस्था 

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है। केन्द्रीय बैंक का कहना है कि मई और जून माह के दौरान आर्थिक गतिविधियों में जो बढ़त देखी गई थी वह कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए फिर से लगाए गए लॉकडाउन के कारण अपनी बढ़त खो बैठी हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 31 अगस्त को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान जारी करेगा। बहरहाल रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में आर्थिक वृद्धि के बारे में कोई अनुमान नहीं दिया है। उधर आरबीआई ने भूमि, श्रम और बिजली जैसे क्षेत्र में बुनियादी सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए जीएसटी परिषद जैसे निकाय गठित करने का सुधार दिया। इससे राष्ट्रीय आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी।

केन्द्र सरकार ने कोविड- 19 को काबू में रखने के लिये 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था। उसके बाद मई में इस लॉकडाउन में आंशिक छूट दी गई जिससे उसके बाद लगातार विभिन्न चरणों में हटाया गया है। लेकिन कुछ राज्यों में कोविड- 19 का प्रसार बढ़ने की वजह से फिर से लॉकडाउन लगाया गया है। रिजर्व बैंक की मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक प्राप्त त्वरित आंकड़ों से जो संकेत मिलता है वह गतिविधियों में कमी आने की तरफ इशारा करते हैं यह अपने आप में अप्रत्याशित है।

आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि एक स्वतंत्र नियामक के तहत राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों के बड़े बंदरगाहों का निजीकरण एवं रेलवे, भूमि, बिजली, कोयला और इस्पात क्षेत्र की परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ा कर से लक्षित सार्वजनिक निवेश के लिए वित्त पोषण मिलेगा। इससे देश में निजी निवेश को गति प्रदान करने का रास्ता भी तैयार होगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि भूमि, श्रम और बिजली क्षेत्रों में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद जैसा शीर्ष निकाय बनाने से ढांचागत सुधार तेज होगा।

इससे देशभर में राष्ट्रीय पाइपलाइन, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम सड़क गलियारे और तेज गति वाले रेल गलियारे जैसी राष्ट्रीय महत्व की आधारभूत परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी, जो स्वर्णिम चर्तुभुज की सफलता की इबारत लिखेंगी। इसी के साथ यह निवेश को लेकर माहौल और कारोबारी धारणा को बढ़ाने वाला कदम होगा।
 

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