Trains Cancelled : भारतीय रेलवे ने रद्द कीं 28 ट्रेनें, जानिए कौन-कौन हुईं कैंसिल और क्यों

केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने तीन दिन का रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है इसलिए 28 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 

Indian Railways canceled 28 trains in Punjab due to Farmer Protests Check the list
भारतीय रेलवे 

केंद्र के तीन कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों के तीन दिवसीय रेल रोको विरोध के मद्देनजर रेलवे फिरोजपुर डिवीजन से चलने वाली 14 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों यानी 28 ट्रेनों को 24 से 26 सितंबर तक रद्द कर दिया गया है। पार्टी लाइन से अलग पंजाब के किसानों ने किसान बिल के खिलाफ एकजुटता दिखाई। और पंजाब के 31 किसान संगठनों ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए कृषि बिलों के खिलाफ 25 सितंबर को एक संयुक्त राज्यव्यापी विरोध की घोषणा की। किसान संगठनों ने पूर्ण पंजाब बंद का आह्वान किया है।

निम्नलिखित ट्रेनों को 24-26 सितंबर से पूरी तरह या आंशिक रूप से रद्द रहेंगी:-

  1. 25-26 सितंबर से अमृतसर-हरिद्वार ट्रेन और 24-26 सितंबर से नई दिल्ली-जम्मू तवी एक्सप्रेस रद्द कर दी गई है।
  2. हजूर साहिब नांदेड़-अमृतसर ट्रेन अमृतसर तक नहीं चलेगी और पुरानी दिल्ली में अपनी यात्रा समाप्त करेगी। 25-26 सितंबर तक ट्रेन संख्या 02716 अमृतसर के बजाय पुरानी दिल्ली से चलेगी।
  3. धनबाद-फिरोजपुर कैंट ट्रेन फिरोजपुर कैंट तक नहीं चलेगी और अंबाला कैंट पर अपनी यात्रा समाप्त करेगी। 24-26 सितंबर तक ट्रेन संख्या 03308 फिरोजपुर कैंट के बजाय अंबाला कैंट से चलेगी।
  4. 24 सितंबर को आने वाली मुंबई सेंट्रल-अमृतसर ट्रेन को लुधियाना लाया जाएगा और यह 25-26 सितंबर से अंबाला में जर्नी समाप्त होगी। 24-26 सितंबर तक ट्रेन संख्या 02904 अमृतसर के बजाय अंबाला से चलेगी।

बीजेपी की पुरानी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कहा कि वे संसद से पारित कृषि बिलों के खिलाफ 25 सितंबर को पंजाब में 'चक्का जाम' करेंगे। शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि  इन बिलों के खिलाफ पंजाब में 25 सितंबर को चक्का जाम (सड़क बंद) करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता, किसान और खेतिहर मजदूर राज्य में सुबह 11 बजे से शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए सड़क जाम करेंगे। इससे पहले करीब 30 किसान संगठनों ने इन विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को पूर्ण बंद का आह्वान किया है।

गौर हो कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020, रविवार को राज्य सभा में विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच पारित हो गया। ये विधेयक पिछले सप्ताह गुरुवार को लोकसभा से पारित हुए थे। राज्य सभा ने रविवार को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दी। इसके अलावा किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (प्रोत्साहन एवं सुविधा) विधेयक 2020 तथा किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन का समझौता एवं कृषि सेवा विधेयक 2020 को भी मंजूरी प्रदान की। इन विधेयकों को पिछले हफ्ते लोकसभा पारित कर चुकी है।
 

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