विदेशी नहीं, देशी होगी बुलेट ट्रेन की मेकिंग, वंदे भारत ट्रेन GEN Next को 200 किमी प्रति घंटे चलाने की तैयारी

बिजनेस
कुंदन सिंह
कुंदन सिंह | Special Correspondent
Updated Sep 09, 2022 | 20:31 IST

Indian Railways: वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) के नए डिजाइन में एयर प्यूरिफिकेशन के लिए भी सिस्टम लगाया गया है।

Indian Railways semi high speed Vande Bharat Train
विदेश में नहीं, भारत में बनेगी बुलेट ट्रेन  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian Railways) अपने सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को हाई स्पीड ट्रेन में कन्वर्ट करने की योजना पर काम कर रहा है। मौजूदा समय में देशी तकनीकी पर निर्मित वंदे भारत की स्पीड 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की है जिसे आगे वाले जेनरेशन में 200 से 220 किलोमीटर प्रति घंटे करने की योजना पर काम हो रहा है। इसके लिए ट्रेन सेट के मॉडल में बदलाव के साथ ही रेल ट्रैक को भी मॉडर्न करने की योजना है। 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की माने में दुनिया के जिन देशों में बुलेट ट्रेन चलती है, उनकी प्रगति भी रातों रात नहीं बल्कि 200 से शुरू होकर आगे 350 से 400 किलोमीटर प्रति घंटे गई है। जहां तक वंदे भारत का सवाल है, नई ट्रेन पुरानी दो ट्रेनों के तुलना में काफी बेहतर है। नई ट्रेन का एक्सलेरेशन जीरो से 100 किलोमीटर मात्र 52 सेकेंड में होता हैं जो कि दुनिया में एक रिकॉर्ड है। वहीं ट्रायल के दौरान 180 किलोमीटर की स्पीड से भी चलाने पर राइडिंग इंडेक्स काफी बेहतर रहा हैं। ऊर्जा खपत कम करने के लिए ट्रेन के वजन को 430 टन के बजाय 392 टन किया गया है, वही सभी सीटों में रिक्लाइंग की सुविधा है। वाई-फाई सामग्री के अलावा न्यू वंदे भारत (Vande Bharat) में 32 इंच के एलसीडी टीवी भी होंगे जो पहले के वर्जन में 24 इंच के थे। 

क्या है खासियत?
वंदे भारत एक्सप्रेस के नए डिजाइन में एयर प्यूरिफिकेशन के लिए रूफ माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) में फोटो-कैटेलिटिक अल्ट्रा वायलेट एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगाया गया है। सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईओ), चंडीगढ़ की द्वारा डिजाइन इस सिस्टम में  फ्रेश एयर  और वापसी हवा के माध्यम से आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस आदि से मुक्त हवा को फिल्टर और साफ किया जा सके।

पहले चरण में आने वाले 2023 तक 75 नई वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण होगा। इसके बाद वाले डिजाइन में ट्रेनों में स्लीपर बर्थ के साथ ही स्पीड को 200 के ऊपर ले जाने की तकनीकी विकसित की जाएगी।

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