नई दिल्ली। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया (Indian Rupee) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81 के स्तर को पार कर गया। यह रुपया का अब तक के सबसे निचला स्तर है। डॉलर के 111 जोन से ऊपर रहने और दो साल के यूएस बॉन्ड यील्ड (US bond yields) के कई साल के उच्च स्तर 4.1 फीसदी से ज्यादा होने के साथ, रुपया शुरुआती कारोबार में 44 पैसे की गिरावट के साथ 81.23 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
क्यों आई रुपये में गिरावट?
इस संदर्भ में विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि महंगाई को काबू में करने के लिए अमेरिका के सेंट्रल बैंक, फेडरल रिजर्व (US FED Reserve) और बैंक ऑफ इंग्लैंड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने और यूक्रेन में भूराजनीतिक तनाव बढ़ने से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं। इसके साथ ही विदेशी मार्केट में अमेरिकी करेंसी की मजबूती और डोमेस्टिक शेयर बाजार में गिरावट से भी रुपया प्रभावित हुआ है। क्रूड ऑयल की कीमत में मजबूती का भी रुपये पर असर पड़ा है।
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पिछले सत्र में भी लुढ़का था रुपया
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में बढ़ोतरी के बाद गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा (Rupee vs Dollar) 83 पैसे गिरा, जो लगभग सात महीनों में इसका एक दिन का सबसे बड़ा नुकसान है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80.79 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।
24 फरवरी के बाद से रुपये में सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट आई, जब इसमें 99 पैसे की गिरावट आई थी। इस बीच डॉलर सूचकांक 0.05 फीसदी ऊपर चढ़कर 111.41 के स्तर पर आ गया। डॉलर सूचकांक या डॉलर इंडेक्स छह प्रमुख मुकरेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाता है।
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