Inflation Rise In India: भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सितंबर के 10.66 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में मुद्रास्फीति (Inflation) 12.54 फीसदी रही। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, ईंधन और विनिर्माण कीमतों में वृद्धि की वजह से महंगाई पांच महीने के शीर्ष पर पहुंच गई। थोक महंगाई लगातार सातवें महीने दोहरे अंक पर बनी हुई है।
इन कारणों से बढ़ी मुद्रास्फीति
पिछले साल अक्टूबर महीने में यह आंकड़ा 1.31 फीसदी था। अक्टूबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर का मुख्य कारण खनिज तेलों, मूल धातुओं, खाद्य उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि है।
खुदरा मुद्रास्फीति में भी बढ़त
खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) की बात करें, तो अक्टूबर में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.48 फीसदी हो गई। इससे पिछले महीने, यानी सितंबर में यह आंकड़ा 4.35 फीसदी था। लगातार चौथे महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6 फीसदी के ऊपरी मार्जिन से नीचे आया।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में वृद्धि
देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में सितंबर महीने में 3.1 फीसदी की साल-दर-साल वृद्धि देखी गई। अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 11.9 फीसदी की वृद्धि हुई थी। सितंबर में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 8.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
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