नई दिल्ली: राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर, भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल तक सभी यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया था। इस दौरान जिन लोगों ने रद्द ट्रेनों में टिकट बुक किए थे उनके पैसे वापस करने के संबंध में कुछ अहम जानकारी साझा की गई है। IRCTC का कहना है कि चूंकि यह एक लार्जस्केल कैंसलेशन है और पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है इसलिए प्रक्रिया में बड़ी संख्या में रिफंड का लेन देन शामिल हैं। जिसकी वजह से रिफंड प्रोसेसिंग में कुछ समय लग सकता है।
आईआरसीटीसी ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से सूचित किया कि रद्द की गई ट्रेनों की यात्रा की तारीखों के बाद 4 से 7 कार्य दिवसों में लोगों खातों में पूर्ण धन वापसी की जाएगी। आईआरसीटीसी कम कर्मचारियों क्षमता के साथ काम कर रहा है और 22 मार्च से 14 अप्रैल तक यात्रा की तारीख वाली सभी रद्द ट्रेनों के लिए राशि की तेज वापसी करने की कोशिश की जा रही है।
ध्यान दें- आईआरसीटीसी के अनुसार, उन सभी लोगों को ऑटोमैटिक तौर पर पूरी राशि वापस की जाएगी, जिन्होंने लॉकडाउन की अवधि के लिए अपने टिकट बुक किए थे। यूजर्स से अपने टिकट को खुद से कैंसिल नहीं करने का अनुरोध किया गया है ताकि ऑटोमैटिक तौर पर पूरी किराया राशि की वापसी सुनिश्चित हो सके। राशि उसी अकाउंट या ई वॉलेट में जाएगी जहां से टिकट बुकिंग के दौरान भुगतान हुआ था।
खुद कैंसिल न करें टिकट: जैसा कि आईआरसीटीसी की ओर से अनुरोध किया गया है कि खुद से अपने टिकट कैंसिल न करें। इतने बड़े स्तर पर रेल सेवा रद्द होने के बाद राशि वापस करने की प्रक्रिया ऑटोमैटिक होती है। इस दौरान रेलवे उन सभी बुक टिकटों की लिस्ट निकालेगी जो लॉकडाउन की अवधि के लिए रद्द ट्रेनों में बुक किए गए थे। सभी बुक टिकटों की राशि ऑटोंमैटिक रूप से वापस हो जाएगी।
इस बीच अगर आपके पास कोई फोन या मैसेज आता है जिसमें फास्ट रिफंट का दावा किया जाता है या आपसे बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी पूछी जाती है तो कृपया साझा न करें। रेलवे इस तरह से संपर्क नहीं करता है। टिकट कैंसिल होने और रिफंड की जानकारी आपके ईमेल या फोन नंबर पर मैसेज के जरिए आ जाएगी।
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