Home Loan Refinance: क्या होम लोन रीफाइनेंस का सही समय है? लाखों रुपए की हो सकती है बचत 

आप अपने होम लोन को रीफाइनेंस कराने का फैसला लें। इससे आपको लाखों रुपए की बचत हो सकती है। रीफाइनेंसिंग केवल तभी कराया जाना चाहिए जब आपकी चुकौती अवधि काफी बची हो।

Is it right time for home loan refinance? Lakhs rupees can be saved
होम लोन रीफाइनेंसिंग के फायदे 
मुख्य बातें
  • वर्तमान में होम लोन की ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं।
  • दरों में फिर से बढ़ोतरी होने तक यह ऐसे ही बनी रहेगी।
  • होम लोन की रीफाइनेंसिंग कर लाखों रुपए बता सकते हैं।

इस समय होम लोन पर ब्याज दरें अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। पिछले डेढ़ वर्षों में, कुछ उधारदाताओं ने होम लोन की ब्याज दरें 7% से कम और यहां तक कि 6.5% कर दी हैं। होम लोन के मौजूदा उधारकर्ताओं को चाहिए कि वे इन दरों के फिर से बढ़ने से पहले स्थिति का फायदा उठाकर अपने लोन की रीफाइनेंसिंग करा लें जिससे कि ब्याज के रूप में खर्च होने वाली राशि में कटौती हो सके। लेकिन इससे पहले कि आप अपने होम लोन को रीफाइनेंस कराने का निर्णय लें, आपको रीफाइनेंसिंग से जुड़े खर्चों पर विचार करना चाहिए ताकि यह जान सकें कि कितनी राशि की बचत होगी। यह लेख रीफाइनेंसिंग के विभिन्न पहलुओं और उपयोगिता पर प्रकाश डालता है।

होम लोन की रीफाइनेंसिंग क्या है?

सीधे शब्दों में कहें तो यह बेहतर शर्तों के साथ, विशेष रूप से कम ब्याज दर पर, नया होम लोन लेकर अपने मौजूदा होम लोन का सेटलमेंट करने से संबंधित है। कम ब्याज दर पर जाकर आप लोन चुकौती के दौरान पर्याप्त पैसा बचा लेते हैं, जिसे जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जरूरी अन्य निवेशों में आसानी से लगाया जा सकता है। होम लोन की रीफाइनेंसिंग से न सिर्फ मौजूदा समान मासिक किस्तें (ईएमआई) कम करने में मदद मिलती है, बल्कि इस प्रकार की गई बचत का उपयोग कर आप समस्त लोन राशि को समय से पहले चुकाकर जल्द सेटलमेंट भी कर सकते हैं। आप चाहें तो अपने मौजूदा उधारदाता के साथ अपने होम लोन की रीफाइनेंसिंग करा सकते हैं या फिर एक नया विकल्प चुन सकते हैं। बाद वाले विकल्प में, आमतौर पर (रीफाइनेंसिंग) का खर्च अधिक देखा जाता है।

ब्याज दरों का रुझान और रीफाइनेंसिंग

वर्तमान में होम लोन की ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं, और दरों में फिर से बढ़ोतरी होने तक यह ऐसे ही बनी रहेगी।BankBazaar.com द्वारा 2021 में होम लोन रीफाइनेंसिंग पर प्रकाशित प्राइमर के अनुसार, 2019 में होम लोन की सबसे कम ब्याज दर लगभग 8.4% थी। इसका अर्थ है कि मौजूदा दरें जो कि 6.65 से 6.85 की रेंज में हैं लगभग 180 आधार अंक कम हैं। यदि आप अपने होम लोन को कम ब्याज दर पर ले जाते हैं, तो इससे ब्याज पर होने वाले आपके खर्च में लाखों रुपए की बचत हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि 8.5% की ब्याज दर पर 20 सालों के लिए 50 लाख रुपए का होम लोन लिया गया है, तो इस पर आपको ब्याज के रूप में कुल 54.14 लाख रुपए चुकाने होंगे। यदि इतनी ही राशि का होम लोन 7% की ब्याज दर 20 सालों के लिए लिया जाता है तो ब्याज की कुल राशि 43.03 लाख रुपए होगी। यानी जाहिर तौर पर 11 लाख रुपए से अधिक की बचत होगी। वर्तमान समय में 7.00% से नीचे के ब्याज दर पर करीब 20 बैंक, होम फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (एनबीएफसी) होम लोन प्रदान कर रही हैं।

महामारी के इस समय में जब सभी सेक्टर में आय में कमी हुई है, मौजूदा होम लोन ग्राहक अपने होम लोन की रीफाइनेंसिंग कराके अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। हालांकि, ग्राहकों को रीफाइनेंसिंग से जुड़े सभी खर्चों और मौजूदा होम लोन की शेष अवधि का मूल्यांकन यह समझने के लिए करना चाहिए कि उनके लिए रीफाइनेंसिंग उचित है या नहीं। यहां उन तथ्यों को जानें जिन पर आपको विचार करना चाहिए।

आपके होम लोन की अवधि कितनी शेष है?

कम ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए होम लोन की रीफाइनेंसिंग कराने से पहले यह देखें कि आपके मौजूदा लोन की कितनी अवधि शेष है। रीफाइनेंसिंग कराना तब सबसे अधिक फायदेमंद है यदि आपके होम लोन की चुकौती अवधि शुरुआती चरणों में हैं। शुरुआती वर्षों में आपकी ईएमआई का एक बड़ा हिस्सा ब्याज में जाता है। इसलिए, जितनी जल्दी आप रीफाइनेंसिंग का विकल्प चुनते हैं, ब्याज राशि की बचत उतनी ही अधिक होगी। यदि आप होम लोन की चुकौती अवधि के अंतिम चरण में हैं यानी अगले 2-3 वर्ष में लोन चुक जाएगा तो रीफाइनेंसिंग कराने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उधारदाता पहले ही लोन पर देय अधिकांश ब्याज पा चुका होगा और अब आप ज्यादातर मूलधन चुका रहे होंगे। यदि आप इस जगह पर आकर रीफाइनेंसिंग कराते हैं तो आपको कुछ अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। इसलिए, अपनी लोन की राशि, ब्याज दर और शेष चुकौती अवधि का हिसाब लगाकर आगे बढ़ें।

क्या जुड़े खर्चों के मद्देनजर यह उपयुक्त बैठता है?

होम लोन की रीफाइनेंसिंग के साथ कुछ खर्च भी जुड़े होते हैं, जैसे कि नए लोन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क, कानूनी प्रभार, एमओडी प्रभार आदि। चुकौती अवधि के दौरान कुल प्रत्याशित बचत को ध्यान में रखते हुए इस खर्च का मूल्यांकन करें। यदि बचत राशि इससे जुड़े खर्चों से ज्यादा है, तो आपको अवश्य ही रीफाइनेंसिंग का विकल्प चुनना चाहिए। ज्यादातर मामलों में, यदि आपके लोन और बाजार दरों के बीच 50 आधार अंकों का अंतर है तो रीफाइनेंसिंग पर विचार किया जाना चाहिए।

क्या आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार हुआ है?

आमतौर पर जिन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होता है, उन्हें सबसे अच्छी उधार दरें मिलने की संभावना अधिक होती है। यदि आपने खराब क्रेडिट स्कोर के कारण अधिक ब्याज दर पर लोन लिया है, तो आप अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार के बाद कम ब्याज दर पर जा सकते हैं। 750 से 800 या उससे अधिक के क्रेडिट स्कोर से निश्चित रूप से आपको रीफाइनेंसिंग सौदे को अपने पक्ष में करने में मदद मिलेगी। रीफाइनेंसिंग कराते समय आपको नए उधारदाता से बेहतर लोन डील मिल सकता है, या बाजार की प्रतिस्पर्धा आपके मौजूदा उधारदाता को भी अधिक आकर्षक दर पर आपको रीफाइनेंसिंग सौदे की पेशकश करने के लिए मजबूर कर सकती है।

अंत में, यदि आप अपने उधारदाता की सेवाओं से संतुष्ट नहीं हैं तो भी आप होम लोन की रीफाइनेंसिंग करा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि रीफाइनेंसिंग केवल तभी कराया जाना चाहिए जब आपकी चुकौती अवधि काफी बची हो। इसके अलावा, यह भी ध्यान रखें कि आपके मौजूदा उधारदाता के साथ रीफाइनेंसिंग कराने की लागत किसी नए उधारदाता की तुलना में सस्ती हो सकती है। यह समझने के लिए निहित खर्चों की तुलना करें कि आप कितनी राशि की बचत कर लेंगे।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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