LIC IPO: IRDAI ने दी मंजूरी, अब जल्द खत्म होगा LIC के मेगा आईपीओ का इंतजार

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Feb 10, 2022 | 18:08 IST

LIC IPO: निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा था कि सरकार 31 मार्च से पहले एलआईसी का आईपीओ लाना चाहती है।

LIC IPO: proposal is cleared by IRDAI
LIC IPO: IRDAI ने दी मंजूरी, अब जल्द खत्म होगा LIC के मेगा आईपीओ का इंतजार  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • इसका आकार 1 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है।
  • फिलहाल एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
  • एलआईसी का बहुप्रतीक्षित आईपीओ अब जल्द ही आ सकता है।

LIC IPO: भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) का आईपीओ (IPO) अपने अंतिम चरण में है क्योंकि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एलआईसी के आईपीओ प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बहुप्रतीक्षित आईपीओ का आकार 70,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये के बीच होने की उम्मीद है। केंद्र एलआईसी के लिए 13 लाख करोड़ रुपये से 14 लाख करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर नजर गड़ाए हुए है।

11 फरवरी DRHP दाखिल कर सकती है कंपनी
CNBC-TV18 ने सूत्रों के हवाले से कहा कि, 'बीमा कंपनी शुक्रवार, 11 फरवरी 2022 को अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल कर सकती है।' इससे पहले यह बताया गया था कि एलआईसी आगामी सार्वजनिक पेशकश में अपने पॉलिसीधारकों को 5 फीसदी की छूट दे सकती है। सूत्रों ने ईटी नाउ को बताया कि उनके साथ ही रिटेल बिडर्स और कर्मचारियों को भी प्राइस बैंड में कुछ रियायत मिलने की संभावना है।

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एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी
एलआईसी के आईपीओ के संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट (Budget 2022) के भाषण में कहा था कि एलआईसी का आईपीओ जल्द ही पेश होने की उम्मीद है। मौजूदा समय में एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है।

सरकार जुटा सकती है 75,000 करोड़ रुपये
ऐसी खबरें आई थीं कि केंद्र आईपीओ के जरिए 5 से 7 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी और इससे करीब 65,000 से 75,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। हालांकि, सरकार द्वारा कम किए जाने वाली हिस्सेदारी डीआरएचपी में उजागर होगी।

इस बीच, कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के लिए 1,437 करोड़ रुपये का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स दर्ज किया था, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह आंकड़ा 6.14 करोड़ रुपये था।

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