LIC IPO: एलआईसी के पास बेकार पड़े हैं 21,539 करोड़ रुपये, नहीं है कोई दावेदार

LIC IPO: एलआईसी के आईपीओ के लिए सरकार ने सेबी के पास मसौदा दस्‍तावेज दाखिल कर दिया है। मार्च में देश का सबसे बड़ा आईपीओ आ सकता है।

LIC IPO: Rs 21539 crore lying idle with LIC no claimants
LIC IPO: एलआईसी के पास बेकार पड़े हैं 21,539 करोड़ रुपये, नहीं है कोई दावेदार  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • सरकार एलआईसी के 31 करोड़ से ज्यादा इक्विटी शेयर बेचेगी।
  • आईपीओ का 10 फीसदी तक हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा।
  • एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।

LIC IPO: देश के सबसे बड़े आईपीओ (IPO) के लिए बिसात बिछ चुकी है। उम्मीद है कि आईपीओ के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) के आवेदन को मार्केट रेगुलेटर सेबी जल्द मंजूरी दे देगा। विनिवेश सचिव तुहिन कांत पांडे का कहना है कि आईपीओ से जुड़ी तमाम प्रक्रियाओं पर रेगुलेटर के साथ पहले ही चर्चा हो चुकी है लिहाजा इसकी मंजूरी मिलने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. दरअसल सरकार चालू वित्त वर्ष में ही एलआईसी आईपीओ को अंजाम देना चाहती है।

21,539 रुपये की रकम पर किसी ने नहीं किया दावा
जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी के टैग लाइन के साथ भरोसे का प्रतीक बन चुके एलआईसी के बारे में कई ऐसी जानकारियां हैं जिसपर लोगों ने कभी ध्यान नहीं दिया पर वो हैं बहुत दिलचस्प। क्या आप जानते हैं एलआईसी के पास सितंबर 2021 तक 21,539 करोड़ रुपये का unclaimed यानि ऐसे पैसे हैं जिसके लिए कोई दावा नहीं कर रहा है। एलआईसी ने ये जानकारियां सेबी के समक्ष आईपीओ के लिए दिए अपने आवेदन में उजागर किया है। सालों से जमा हो रहे इस रकम में ब्याज की रकम भी शामिल है।

इन लोगों ने नहीं किया दावा
एलआईसी के मुताबिक ये पैसे उन पॉलिसीहोल्डर्स के हैं जिन्होंने अपनी पॉलिसी के लिए कभी दावा ही नहीं किया या मैच्युरिटी के बाद वो दावा करना भूल गए। इसमें उन लोगों के भी पैसे शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो गई पर उनके नॉमिनी ने कोई दावा नहीं किया। नियमों के हिसाब से सभी बीमा कंपनी को unclaimed अमाउंट की जानकारी देनी होती है अगर ये एक हजार रुपये से ज्यादा है। हालांकि बीमा कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी भी देनी होती है ताकि बीमाधारक या उनके नॉमिनी इसकी पहचान कर सकें और इसके लिए दावा पेश कर सके।

प्रकाश प्रियदर्शी, ET Now Swadesh

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