Loan Moratorium : ब्याज पर ब्याज छूट से 75% कर्जदारों को होगा फायदा, सरकार को होगा 7500 करोड़ रुपए का नुकसान

बिजनेस
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Updated Oct 27, 2020 | 11:08 IST

लोन मोरेटोरियम के दौरान 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर ब्याज-पर-ब्याज से छूट से 75% कर्जदारों फायदा होगा लेकिन 7500 करोड़ रुपए का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा। 

Loan Moratorium : Exemption from interest-on-interest will benefit 75% borrowers
ब्याज-पर-ब्याज से छूट 
मुख्य बातें
  • सरकार 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर संचयी ब्याज से छूट देगी
  • बैंकों को संचयी ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की राशि उपलब्ध कराई जाएगी
  • यह सुविधा सभी कर्जदारों को मिलेगी। भले ही उसने किस्त भुगतान को लेकर दी गयी मोहलत का लाभ उठाया हो या नहीं

मुंबई : बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिए गए 40% से अधिक कर्ज और 75% कर्जदार संचयी ब्याज यानी ब्याज-पर-ब्याज से राहत देने के निर्णय से लाभान्वित होंगे। वहीं इससे सरकारी खजाने पर करीब 7,500 करोड़ रुपए का बोझ आएगा। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। सरकार ने पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि वह 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर संचयी ब्याज से छूट देगी। इसके तहत बैंकों को संचयी ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकारी खजाने पर 7,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा

उसने कहा कि यह सुविधा सभी कर्जदारों को मिलेगी। भले ही उसने किस्त भुगतान को लेकर दी गयी मोहलत का लाभ उठाया हो या नहीं। लेकिन इसके लिए शर्त है कि कर्ज की किस्त का भुगतान फरवरी के अंत तक होता रहा हो यानी संबंधित ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) नहीं हो। क्रिसिल ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि इस प्रकार के लोन संस्थागत व्यवस्था (बैंक, वित्तीय संस्थान) द्वारा दिए गए लोन का 40% है। इससे 75% कर्जदारों को लाभ होगा। जबकि सरकार के खजाने पर करीब 7,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

05 नवंबर तक पात्र कर्जदारों के खाते में पैसे डालने को कहा

इसमें कहा गया है कि अगर यह राहत केवल उन्हीं को दी जाती, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण रिजर्व बैंक द्वारा कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत का लाभ उठाया, तो सरकारी खजाने पर बोझ आधा ही पड़ता। सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 05 नवंबर तक पात्र कर्जदारों के खाते में राशि डालने को कहा है। यह राशि छूट अवधि 06 महीने के दौरान संचयी ब्याज और साधारण ब्याज का अंतर के बराबर होगी।

पूरी तरह से ब्याज पर छूट देने से 1.5 लाख करोड़ रुपए होंगे खर्च

क्रिसिल के अनुसार अगर 2 करोड़ रुपए तक कर्ज लेने वाले पात्र कर्जदारों को ब्याज-पर-ब्याज समेत पूरी तरह से ब्याज पर छूट दी जाती तो सरकारी खजाने पर बोझ 1.5 लाख करोड़ रुपए पड़ता। इससे सरकार के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र के लिए वित्तीय मोर्चे पर समस्या होती।

छूट योजना में शामिल

छूट योजना के दायरे में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), शिक्षा, आवास, उपभोक्ता टिकाऊ, क्रेडिट कार्ड, वाहन, व्यक्तिगत कर्ज, पेशेवेर और उपभोग ऋण को शामिल किया गया है।

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