LIC IPO का पलकें बिछाए इंतजार कर रहा है बाजार, निवेशकों के लिए होगा खास!

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Feb 14, 2022 | 15:48 IST

LIC IPO: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। एलआईसी आईपीओ के जरिए 6.32 अरब शेयरों में से 31.6 करोड़ शेयरों की ब्रिकी करेगी।

LIC IPO
LIC IPO का पलकें बिछाए इंतजार कर रहा है बाजार, निवेशकों के लिए होगा खास!  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • एलआईसी का आईपीओ 31 मार्च 2022 तक आ सकता है।
  • निवेशकों को इसका बेसब्री से इंतजार है।
  • एलआईसी देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है।

LIC IPO: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से प्रारंभिक सार्वजनिक ऑफरिंग या इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की बाढ़ सी आ गई है। निवेशकों को लंबे समय से भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के मेगा आईपीओ का इंतजार था। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी, एलआईसी ने रविवार को सेबी (SEBI) के पास आईपीओ के लिए मसौदा दस्तावेज दाखिल कर दिया है। अब सेबी की मंजूरी के बाद जल्द ही कंपनी का आईपीओ आने की उम्मीद है।

निवेशकों के पास अच्छा मौका
सभी को इस आईपीओ का इतना बेसब्री से इंतजार है। आईपीओ खरीदने से पहले इच्‍छुक निवेशकों को कुछ बातें जान लेनी चाहिए। एक कंपनी जब अपने शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करती है, तो उसे आईपीओ कहा जाता है। एक कंपनी के आईपीओ शुरू करने के दो मुख्य कारण होते हैं- पूंजी जुटाना और पूर्व निवेशकों को समृद्ध करना। फिलहाल सरकार ने पॉलिसीधारकों या एलआईसी कर्मचारियों को दी जाने वाली छूट का खुलासा नहीं किया है।

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपने के आईपीओ के तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी, जो पांच फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। निवेशक इन शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आईपीओ भारत सरकार द्वारा ऑफर फॉर सेल पेशकश (OFS) के रूप में है। इस आईपीओ के मार्च में पूंजी बाजार में आने की उम्मीद है। आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा। वहीं एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए आईपीओ निर्गम का 10 फीसदी तक आरक्षित होगा। सरकार यह आईपीओ 31 मार्च 2022 तक ला सकती है।

सरकार के लिए एलआईसी के आईपीओ का क्या अर्थ है?
एलआईसी के मेगा आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी की पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। मौजूदा समय में सरकार के पास एलआईसी की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। मालूम हो कि चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश (Disinvestment) लक्ष्य में 78,000 करोड़ रुपये की कमी रह सकती है। ऐसे में सरकार के लिए एलआईसी का आईपीओ अहम है। अब तक केंद्र सरकार एयर इंडिया के निजीकरण और बाकी सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।

कंपनी के लिए आईपीओ के क्या हैं मायने?
आईपीओ से कंपनियां अपनी आने वाली योजनाओं या विस्तार के लिए फंड जुटाती हैं। मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 तक एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये आंका है। 31 मार्च 2021 तक एलआईसी के पास 28.3 करोड़ पॉलिसियों और 13.5 लाख एजेंट्स के साथ नए प्रीमियम व्यापार में 66 फीसदी बाजार हिस्सेदारी थी। 

क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। साल 2000 से पहले के दौर में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 100 फीसदी थी। यह साल 2016 में धीरे-धीरे कम हो 71.8 फीसदी हो गई। वहीं 2020 में इसकी बाजार हिस्सेदारी और कम होकर 64.1 फीसदी रह गई।

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