कोरोना वायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। उसके बाद देश की आर्थिक प्रगति के लिए सरकारी बैंकों ने भी अपनी ओर से प्रयास करने शुरू कर दिए। लोगों को सस्ता लोन देने के लिए ब्याज दरों में कटौती करनी शु्रू कर दी। इस सप्ताह पब्लिक सेक्टर के बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दर (MCLR) में कटौती की है। इस वजह से अब इन बैंकों से लोन लेना और सस्ता हो गया है।
सरकारी सेक्टर के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने फंड की सीमांत लागत आधारित लोन ब्याज दर (MCLR) में 0.05% की कटौती की है। नई दरें आज (शुक्रवार) से प्रभावी हो गई हैं। बैंक ने गुरुवार को एक बयान में कहा था कि एक वर्ष की अवधि वाले लोन पर MCLR 7.25% से घटाकर 7.20% कर दिया गया है। इसी तरह एक दिन और एक महीने की अवधि के लोन पर कटौती के बाद ब्याज दर 6.75% हो गई है।
सरकारी सेक्टर के यूको बैंक ने लोन पर फंड की सीमांत लागत आधारित प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर (MCLR) में गुरुवार से 0.05 अंक कम कर दी। बैंक ने एक बयान में कहा कि इसके बाद एक साल की अवधि वाले लोन पर यह मानक दर 7.40% से घटकर 7.35% हो गई है। यह कटौती अन्य सभी अवधि के लोन पर भी समान रूप से लागू होगी।
सरकारी सेक्टर के बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी MCLR में 0.10% की कटौती की है। बैंक ने एक साल की अवधि वाले लोन पर ब्याज दर 7.65% से घटाकर 7.55% कर दिया है। यह दरें गुरुवार से लागू हो गई हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि उसने सभी अवधि के कर्जों के लिए MCLR 0.10% तक कम की है।
सरकारी सेक्टर के बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने MCLR 0.10% तक कम कर दी हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की रिलीज के अनुसार उसने एक साल और छह माह के कर्ज पर MCLR क्रमश: 7.40% से घटाकर 7.30% और 7.30% से 7.25% कर दी हैं। बैंक की नई दरें सोमवार से लागू हो गई हैं।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक दिन के, एक माह और तीन माह के कर्ज के लिए MCLR संशोधित कर क्रमश: 6.80%, 7% और 7.20% किया है।
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