वेस्ट यूपी को नई उड़ान देगी मेट्रो से तीन गुना तेज दौड़ने वाली रैपिड रेल, [PHOTOS]

मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना वेस्ट यूपी के लिए बड़ी सौगात बनेगी। परियोजना को समय से पहले पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।

 Meerut-Ghaziabad-Delhi Rapid Rail Project,Delhi Meerut Rapid Rail, semi high speed train, RRTS, Delhi Meerut metro train project, Delhi Meerut rapid train,मेरठ-गाजियाबाद एक्सप्रेस वे,मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना
मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना  
मुख्य बातें
  • मेरठ-गाजियाबाद एक्सप्रेस वे के बाद मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना वेस्ट यूपी के लिए बड़ी सौगात
  • बजट 2021-22 में मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना के लिए 1326 करोड़ राज्य सरकार ने किए हैं आवंटित
  • 20 सरकारी भूमि पर दी कार्य करने की अनुमति, जल्द ही आरआरटीएस को होगी हस्तांतरित

नई दिल्ली/लखनऊ:  नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) में यूपी का आने वाला क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में देश में तेजी से विकसित होने वाले क्षेत्रों में शामिल होगा। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे के बाद मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना वेस्ट यूपी के लिए बड़ी सौगात बनेगी।

परियोजना को समय से पहले पूरा करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। मेट्रो से तीन गुना तेज चलने वाली रैपिड रेल एनसीआर को नई उड़ान देने वाली है।

केंद्र और प्रदेश सरकार के ज्वाइंट वेंचर में बन रहे इस परियोजना का करीब 68 किमी का हिस्सा यूपी में है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी का प्राथमिकता खंड 2023 तक और 2025 तक दिल्ली से मेरठ तक पूरा कॉरिडोर शुरू होने की उम्मीद है।

परियोजना की लागत 30,274 करोड़ रुपए है। इसमें प्रदेश सरकार का करीब 17 फीसदी अंशदान है।इसके लिए राज्य सरकार ने अपने बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में 1326 करोड़ रुपए आवंटित भी किए हैं।

परियोजना पूरी होने के बाद डीएमआरसी और आरआरटीएस नेटवर्क सहित दिल्ली के मास ट्रांजिट सिस्टम की लंबाई 743 किमी होगी, जो लंदन क्रॉस रेल, हांगकांग एमटीआर और पेरिस आरईआर की लंबाई से अधिक है। 

आरआरटीएस के जीएम वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यूपी सरकार की ओर से इस परियोजना के लिए पिछले साल करीब 650 करोड़ रुपए दिए गए थे।

इसके अलावा करीब 20 सरकारी भूमि पर राज्य सरकार की ओर से कार्य करने की अनुमति दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही यह भूमि सरकार की ओर से हस्तांतरित की जाएगी।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर होंगे 24 स्टेशन

मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना की लंबाई 82.15 किमी है। मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर स्थानीय परिवहन सेवाएं भी मिलेंगी। इसके लिए 21 किमी की दूरी में 13 स्टेशन बनेंगे। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर दो डिपो स्टेशनों सहित 24 स्टेशन होंगे।

इसमें सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रहमपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली मेट्रो, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो शामिल हैं।

हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, आईएसबीटी और मेट्रो से जुड़ेंगे आरआरटीएस स्टेशन
आरआरटीएस स्टेशनों को हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, अंतरराज्यीय बस टर्मिनस (आईएबीसटी), दिल्ली मेट्रो स्टेशनों जैसे परिवहन के विभिन्न साधनों के साथ जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में सुविधा मिलेगी। फेज-1 के सभी 3 कॉरिडोर सराय काले खां में मिलेंगे और इंटरऑपरेबल होंगे, जिससे यात्रियों को बिना ट्रेन बदले एक  से दूसरे कॉरिडोर तक यात्रा करने में मदद मिलेगी।

प्रदूषण रोकने में मदद करेगा आरआरटीएस
हर आरआरटीएस ट्रेन में बिजनेस क्लास कोच होंगे, जो संपन्न वर्ग को अपनी कारों, निजी वाहनों को छोड़ने और सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के शुरू होने से क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन के पक्ष में मोडल शेयर 37 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो प्रदूषण को रोकने में मदद करेगा।   (सभी तस्वीरों के लिए साभार-यूपी सरकार)

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर