MSME : ऋण गारंटी योजना के तहत लोन लेना चाहते हैं तो जल्दी करें, नहीं तो पछताना पड़ेगा

एमएसएमई के लिए 03 लाख करोड़ रुपए की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) पर सरकार ने ये फैसला लिया  है।

MSME : If you want to take a loan under the Credit Guarantee Scheme, hurry, otherwise you will have to repent
आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत लोन 
मुख्य बातें
  • इस योजना के तहत लोन 05 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया था
  • सरकार ने 20.97 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत इस योजना की घोषणा की थी
  • बाद में इस योजना में बदलाव कर सालाना 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली कंपनियों को भी इसका लाभ देने की घोषणा की गई थी

नई दिल्ली : कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के चलते चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया था। इसी के तहत सरकार का सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) के लिए 03 लाख करोड़ रुपए की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) की घोषणा की थी। लोगों को बिजनेस करने के लिए मई में इस योजना के तहत लोन देने का ऐलान किया गया। अब सरकार इस योजना को अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाएगी। सूत्रों ने बताया कि अभी तक इस योजना के तहत लक्ष्य की करीब 65% राशि ही मंजूर की गई, लेकिन सरकार संभवत: इसे अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाएगी।

इस योजना में लोगों की दिलचस्पी नहीं

भाषा के मुताबिक इस योजना का मकसद कोविड-19 महामारी से प्रभावित उपक्रमों विशेष रूप से MSME को वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराना है। सूत्रों ने कहा कि योजना का मकसद प्रभावित उपक्रमों को मदद देना है। लेकिन यदि कोई इस योजना का लाभ लेने नहीं आ रहा है, तो इसे आगे बढ़ाने का मतलब नहीं है।

बकाया लोन की ऊपरी सीमा भी बढ़ाई गई थी

सरकार ने एक अगस्त को इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए बकाया लोन की ऊपरी सीमा को बढ़ा दिया था। इसके अलावा डॉक्टरों, वकीलों और चार्टर्ड अकाउंटेंट को कारोबार के उद्देश्य दिए गए कुछ कर्ज को भी इसके दायरे में शामिल किया था। अधिक से अधिक कंपनियों को इस योजना का लाभ देने के लिए 29 फरवरी तक बकाया लोन की ऊपरी सीमा को 25 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपए किया गया था।

05 करोड़ रुपए से बढ़ाकर किया गया था 10 करोड़ रुपए 

इसी के साथ गारंटी वाले आपातकालीन ऋण सुविधा (जीईसीएल) वित्त पोषण को भी 05 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया था। सरकार के 20.97 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत इस योजना की घोषणा की गई थी। बाद में इस योजना में बदलाव कर सालाना 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली कंपनियों को भी इसका लाभ देने की घोषणा की गई थी। पहले यह सीमा 100 करोड़ रुपए थी।

पांच अक्टूब 1,87,579 करोड़ रुपए का लोन मंजूर

पांच अक्टूबर तक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने इस योजना के तहत 1,87,579 करोड़ रुपए का लोन मंजूर किया था। वहीं 1,36,140 करोड़ रुपए का लोन वितरित किया गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई को MSME क्षेत्र के लिए ECLGS के जरिए 9.25% की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपए तक का एक्स्ट्रा लोन देने की योजना को मंजूरी दी थी।

उधर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) ने पिछले 5 महीने के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) का 13,400 करोड़ रुपए का बकाया चुकाया है। इसमें से 3,700 करोड़ रुपए का भुगतान सितंबर महीने में किया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि MSME मंत्रालय ने इसी महीने 2,800 कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन को पत्र लिखकर MSME का बकाया चुकाने को कहा है। पिछले महीने मंत्रालय ने देश की शीर्ष 500 कंपनियों को MSME का बकाया चुकाने के लिए पत्र लिखा था।
 

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