मुकेश अंबानी का बड़ा कदम, 10 करोड़ पाउंड में किया ब्रिटेन की कंपनी का अधिग्रहण

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Dec 31, 2021 | 12:54 IST

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ब्रिटेन की बैटरी निर्माता कंपनी को खरीदने की घोषणा की।

Mukesh Ambani RIL acquires UK-based battery company Faradion
मुकेश अंबानी का बड़ा कदम, 10 करोड़ पाउंड में किया ब्रिटेन की कंपनी का अधिग्रहण  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • रिलायंस ने साल के आखिरी दिन, 31 दिसंबर को बड़ा ऐलान किया। 
  • मुकेश अंबानी की रिलायंस स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठा रही है।
  • रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर ने फैराडियन लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने उसकी सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (Reliance New Energy Solar Ltd, RNESL) ने ब्रिटेन स्थित बैटरी प्रौद्योगिकी कंपनी फैराडियन लिमिटेड (Faradion Limited) का 100 फीसदी अधिग्रहण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड ने फैराडियन लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 10 करोड़ पाउंड का समझौता किया है। इसके अलावा कंपनी विकास पूंजी के रूप में इसमें 2.5 करोड़ पाउंड का निवेश भी करेगी।

आरआईएल ने शुक्रवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि, 'कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL), ने फैराडियन लिमिटेड (Faradion) और उसके शेयरधारकों के साथ 100 फीसदी इक्विटी शेयर हासिल करने के लिए एक समझौता किया है।'

कंपनी फैराडियन लिमिटेड के 88.92 फीसदी इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण 83.97 मिलियन पाउंड में करेगी, जो कि नियामक फाइलिंग के अनुसार जनवरी 2022 की शुरुआत में होने की उम्मीद है। इसके अलावा फैराडियन के शेष 11.08 फीसदी इक्विटी शेयरों को 10.45 मिलियन पाउंड में तीन सालों में अधिग्रहित किया जाएगा।

बैटरी प्रौद्योगिकी कंपनी है फैराडियन 
फैराडियन अग्रणी वैश्विक बैटरी प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है। आरआईएल ने कहा कि इसके पास प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बेहतर, रणनीतिक, व्यापक और एक्सटेंसिव आईपी पोर्टफोलियो है जिसमें sodium-ion प्रौद्योगिकी के कई पहलू शामिल हैं।

ये है कंपनी का उद्देश्य
मालूम हो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड के माध्यम से 10 अक्टूबर से अनेक अधिग्रहण और रणनीतिक निवेश किए हैं। इनका उद्देश्य उसके हरित ऊर्जा कारोबार को आकार देना है।

जून में कंपनी के शेयरधारकों की बैठक में अंबानी ने लो कार्बन ऊर्जा में 10 बिलियन अेरिकी डॉलर के निवेश की अपनी योजना की घोषणा की थी। अगले 3 सालों में, रिलायंस एकीकृत सौर PV मॉड्यूल, इलेक्ट्रोलाइजर और ईंधन सेल बनाने के लिए चार 'गीगा फैक्टरी' के निर्माण के लिए 60,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

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