जानें कहां तक पहुंचा बुलेट ट्रेन का काम, कब कर सकेंगे सफर

Bullet Train Project: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि 2026 में गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा ।

bullet train in india
बुलेट ट्रेन पर अहम अपडेट 
मुख्य बातें
  • अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  • प्रोजेक्ट के तहत 520 किलोमीटर में से 352 किलोमीटर हिस्सा गुजरात और दादर नगर हवेली क्षेत्र में आता है।
  • महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण का काम धीरा, राजनीतिक खींचतान बड़ी वजह

Bullet Train Project:मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को लेकर अहम अपडेट आया है।  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि 2026 में गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा । उनके अनुसार इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है। और हमें विश्वास है कि तब तक हम ट्रेन चलाने का काम पूरा कर लेंगे। हालांकि रेल मंत्री ने महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर हो रहे काम पर कहा कि वहां भूमि अधिग्रहण में समस्याओं के कारण काम धीमा  है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र को प्रोजेक्ट पर सहयोग  की भावना से काम करना चाहिए।

अहमदाबाद-मुंबई पहला प्रोजेक्ट

भारत में अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 81 फीसदी राशि जापान सरकार के सहयोग से जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) देगी ।अहमदाबाद-मुंबई के बीच 520 किलोमीटर की दूरी बुलेट ट्रेन से 3 घंटे में तय होगी। जो अभी करीब 6 घंटे में पूरी होती है। इसके लिए बन रहे कॉरिडोर में में 320 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से बुलेट ट्रेन चलाई जानी है। और दोनों शहरों के बीच 12 स्टेशन होंगे। सोमवार को प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मार्ग की 61 किलोमीटर दूरी पर खंभे लगाए जा चुके हैं और 150 किलोमीटर पर काम चल रहा है।

महाराष्ट्र में राजनीति के भेंट चढ़ी बुलेट ट्रेन

साल 2015 में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था। लेकिन उसके बाद से महाराष्ट्र में अभी भी भूमि अधिग्रहण को लेकर राजनीतिक खींचतान जारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार अभी तक प्रोजेक्ट का 81 फीसदी अधिग्रहण पूरा हो चुका है। और बचे क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा महाराष्ट्र में आता है। भाजपा और शिवसेना नेतृत्व वाली चल रही महाविकास अघाड़ी सरकार में राजनीतिक खींचतान की वजह से इसे प्रोजेक्ट में महाराष्ट्र सरकार की रूचि कम है। और उनके नेताओं का मानना है कि प्रोजेक्ट से महाराष्ट्र को ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। प्रोजेक्ट के तहत 520 किलोमीटर में से 352 किलोमीटर हिस्सा गुजरात और दादर नगर हवेली क्षेत्र में आता है। जहां पर दिसंबर 2020 से निर्माण काम शुरू है।

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इन रूट पर भी नजर

  • वाराणसी-हावड़ा 
  • मुंबई-नागपुर 
  • दिल्ली-अहमदाबाद
  • चेन्नई-मैसूर 
  • दिल्ली-अमृतसर
  • मुंबई-हैदराबाद 

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