कैटरिंग को लेकर इंडियन रेलवे जल्द लाएगी नई पॉलिसी, ई कैटरिंग- प्री कुक्ड मील पर होगा जोर

बिजनेस
कुंदन सिंह
कुंदन सिंह | Special Correspondent
Updated Oct 28, 2021 | 11:25 IST

भारतीय रेल जल्द ही अपने कैटरिंग सर्विसेज को लेकर एक नई पॉलिसी लाने जा रही है। नई पॉलिसी में ई कैटरिंग से लेकर प्री कुक्ड मील जैसे विकल्पों पर जोर होगा।

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कैटरिंग को इंडियन रेलवे लेकर जल्द लाएगी नई पॉलिसी, खास बातें  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली: इंडियन रेलवे जल्द ही अपने कैटरिंग सर्विसेज को लेकर एक नई पॉलिसी लाने जा रही है। नई पॉलिसी में ई कैटरिंग से लेकर प्री कुक्ड मिल्स जैसे विकल्पों पर जोर होगा। कॉविड के बाद से ट्रेनों में ऑनबोर्ड कैटरिंग बंद कर उसके बदले प्री कुक्ड मील दिया जा रहा है।नई पॉलिसी को लेकर रेलवे बोर्ड सभी स्टेक होल्डर से मुलाकात कर रहा हैं, बीते सोमवार को ई कैटरिंग सेक्टर की कम्पनियों से साथ रेलवे बोर्ड की मीटिंग की जिमसें 13 अलग अलग कम्पनियों से प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में रेलवे बोर्ड के तरफ से एडिश्नल मेंबर, एक्सक्यूटिव डायरेक्टर कैटरिंग एंड टूरिज्म समेत तमाम डिपार्टमेंट के अधिकारी भी शामिल थे।

प्री कुक मील ही बेहतर उपाय

कोरोना महामारी के समय से बंद पड़ी कैटरिंग सर्विसेज को शुरू करने के लिए IRCTC लगातार दबाव बना रही है। पर उसके प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड की मंजूरी नहीं मिल पा रही है। बोर्ड का मानना है कि देश के कई हिस्सों में अभी भी कॉविड का प्रसार है ऐसे में प्री कुक मिल्स ही बेहतर उपाय है क्योंकि कैटरिंग सर्विसेज में खाना बनाना फिर उनकी पैकिंग कर सर्व करने के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों के सम्पर्क में आना रिस्की है।

आईआरसीटीसी को करोड़ों का नुकसान

इधर आईआरसीटीसी के तरफ से रेल राज्य मंत्री के लेकर रेलवे बोर्ड में इसको लेकर प्रेजेंटेशन दी जा चुकी है कि खानपान की शुरुआत जल्द से जल्द की जाए। जिससे यात्रियों को पैक्ड फुड के बदले पेंट्री का खाना मुहैया कराया जा सके।  कैटरिंग आईआरसीटीसी का कोर बिजनेस है जो कि बीते 18 महीने से बंद पड़ा है ऐसे में यह भी चिंता जताई है कि खान-पान बंद होने से आईआरसीटीसी को करोड़ो का नुकसान हो रहा है।

बिजनेस फ्रेंडली नीति बनाने का सुझाव

रेलवे बोर्ड के साथ बैठक में ई कैटरिंग के एग्रीगेटर के तरफ से मांग रखी गई,  जिममें इसको लेकर एक बिजनेश फ्रेंडली नीति बनाने का सुझाव दिया गया । जिसका टाइम फ्रेम कम से कम  3 साल रखने की बात कही गई। वही ई कैटरिंग की सबसे अहम कड़ी डिलीवरी एजेंट की स्टेशन परिसर में एंट्री को आसान बनाने की मांग भी रखी गई।  साथ ही ई कैटरिंग के बारे में अवेयरनेस के लिए मास मीडिया और वेबसाइट का सहारा लिया जाय।

कॉविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर प्री कुक्ड मील

गौरतलब है कि बीते साल जब लॉक डाउन खुलने के बाद जबसे ट्रेनो का संचलान शुरू किया गया था तब से कॉविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर प्री कुक्ड मील ही ट्रेनो में खाने पीने के लिए मुहैया कराया जा रहा है। जिससे बनाने से लेकर सर्विंग करने के दौरान कम से कम लोगो के सम्पर्क में आ सके। ऐसे में यात्रियों के पास फिलहाल प्री कुक्ड मिल ही विकल्प के तौर पर मौजूद है।

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