Oil Price: रूस और यूक्रेन में जारी जंग (Russia Ukraine War) से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में काफी उछाल आया है। लेकिन भारत में कई दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol and Diesel Price) में कोई बदलाव नहीं हुआ है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चुनावों के बाद देश में ईंधन के दाम बढ़ सकते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिया है है। उन्होंने मंगलवार को ऐलान किया था कि अब यूएस रूस से कच्चे तेल और गैस का आयात नहीं करेगा। इससे कच्चे तेल की कीमत में और उछाल आने की उम्मीद है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल भी महंगा हो सकता है।
नागरिकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं: BPCL के अध्यक्ष
हालांकि कल ही भारत पेट्रोलियम कॉर्प (BPCL) के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने कहा था कि कच्चे तेल की कीमत में जल्द ही गिरावट आएगी। उन्होंने कहा था कि दो हफ्तों के अंदर ही यह 100 डॉलर प्रति बैरल हो सकती है। इसलिए भारत के नागरिकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
आज कच्चे तेल की कीमत (Crude Oil Price) में दोबारा आया उछाल
पिछले सत्र में तेज गिरावट के बाद गुरुवार को तेल की कीमत में दोबारा तेजी आई। पांच डॉलर से अधिक की रेंज में कारोबार करने के बाद ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 3.10 डॉलर या 2.8 फीसदी बढ़कर 114.24 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। बेंचमार्क अनुबंध पिछले सत्र में लगभग 13 फीसदी गिरा, जो पिछले दो सालों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड फ्यूचर्स 1.58 डॉलर या 1.5 फीसदी ऊपर 110.28 डॉलर प्रति बैरल पर था। पिछले सत्र में यह 12.5 फीसदी गिर गया था। मालूम हो कि ब्रिटेन ने भी कहा है कि वह साल 2022 के अंत तक कड़े कदम उठा सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे वैश्विक तेल बाजार में और उथल-पुथल मच सकती है।
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