Ban on Patakha : पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश से आतिशबाजी उद्योग को बड़ा झटका

बिजनेस
आईएएनएस
Updated Nov 10, 2020 | 06:51 IST

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पटाखा उद्योगों को बड़ा झटका लगा है।

Order of ban on firecrackers gives major blow to Tamil Nadu fireworks industry
बैन से पटाखा उद्योगों को झटका   |  तस्वीर साभार: BCCL

चेन्नई : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को इस दिवाली के दौरान देश भर में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। तमिलनाडु पटाखे एवं एमोर्सेस मैन्युफैक्च र्स एसोसिएशन (तनफमा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनजीटी के इस कदम को आतिशबाजी उद्योग के लिए बड़ा झटका करार दिया है। एनजीटी ने देशभर में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध देश के हर उस शहर और कस्बे पर लागू होगा, जहां नवंबर के महीने (पिछले साल के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) में वायु गुणवत्ता खराब या उससे ऊपर की श्रेणियों में दर्ज की गई थी।

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण इन दिनों खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में दिवाली का त्योहार है, ऐसे में अगर पटाखे जलाए गए, तो प्रदूषण के साथ-साथ कोरोना महामारी भी भयानक रूप ले लेगी, जिसके चलते एनजीटी ने एहतियात के तौर पर यह बड़ा फैसला लिया है। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी, ताकि भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर विमर्श हो सके।

तनफमा के सचिव और अनिल फायरवर्क्‍स के सीईओ एस. बालाजी ने कहा, एनजीटी का आदेश अगले दो सत्रों के लिए हमारे उद्योग को प्रभावित करेगा और तीसरे वर्ष से सामाय स्थिति हो सकेगी, क्योंकि कोई अन्य प्रतिकूल आदेश उद्योग के खिलाफ पारित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, पूरी प्रणाली ध्वस्त हो सकती है। कई अन्य उद्योग जैसे प्रिंटिंग, पेपर बोर्ड व अन्य पटाखे उद्योग पर निर्भर है, जो कि लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं।

उनके अनुसार, एनसीआर, पंजाब, राजस्थान और अन्य उत्तर भारतीय राज्य प्रमुख पटाखा बाजार हैं और इन क्षेत्रों में लोग दिवाली को भव्य तरीके से मनाते हैं। मगर एनजीटी के हालिया आदेश से उद्योग पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पटाखों से निकलने वाला धुआं गाड़ियों से निकलने वाला धुएं जितना खतरनाक नहीं है, क्योंकि यह जल्द ही हवा में फैल जाता है।

एनजीटी को भेजे गए अपने बयान में एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना महामारी में अयोध्या मंदिर निर्माण की 'पूजा' के दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में आतिशबाजी के साथ जश्न मनाया गया। एसोसिएशन ने कहा, पटाखे फोड़ने से कोविद के मामलों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। तमिलनाडु के शिवकाशी में 1,200 से अधिक आतिशबाजी कारखाने हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग आठ लाख से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। यह भी कहा गया है कि फैक्ट्रियां प्रतिदिन पटाखों की गुणवत्ता की जांच करती हैं।

एसोसिएशन ने कहा है कि दुनिया में कहीं भी किसी भी देश ने अपने त्योहारों को मनाने के लिए कोविड महामारी के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के शिवकाशी में देश के पटाखों का लगभग 90 प्रतिशत उत्पादन होता है और शहर में और इसके आसपास 1,070 पटाखा इकाइयां हैं। लगभग 3,00,000 कर्मचारी सीधे तौर पर कार्यरत हैं, जबकि अन्य 5,00,000 लोग इससे संबंधित क्षेत्रों में काम करते हैं।

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