इस्लामाबाद: पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उसके देश ने आतंकवादियों के वित्त पोषण और मनी लांडरिंग पर रोक के उपायों पर निगरानी करने वाले बहुपक्षीय निकाय एफएटीएफ की निर्धारित कार्य योजनाओं पर अमल की दिशा मई-सितंबर के बीच अच्छी प्रगति की है। उल्लेखनीय है कि पेरिस स्थित संस्थान ने इन योजनाओं को लागू न कर पाने को लेकर पाकिस्तान को पिछले साल जून में निगरानी सूची में डाला था और उसे उन्हें लागू करने के लिए अक्टूबर 2019 तक समय दिया था।
पाकिस्तान को चेतावनी दी गयी थी कि ऐसा न करने पर उसे ईरान और उत्तर कोरिया की तरह काली सूची में डाल दिया जाएगा। संगठन ने पाकिस्तान द्वारा मामले में प्रगति को लेकर असंतोष जताया था और कार्य को पूरा करने के लिये छह महीने की समयसीमा दी थी। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर रजा बकीर ने सोमवार को कहा कि इस साल की शुरुआत से मध्य तक प्राधिकरणों के रूख पर पुनर्विचार किया गया है।
परिणामस्वरूप इस मामले में प्रगति को लेकर कई कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि एफएटीएफ द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिये निर्धारित कार्य योजना को पूरा करने के लिये मई और सितंबर के बीच उल्लेखनीय प्रगति की गयी है। इस कार्य योजना का मकसद मनी लांड्रिंग निरोधक व्यवस्था को प्रभावी बनाना है।
हालांकि बकीर ने अन्य बचे क्षेत्रों में प्रगति की जरूरत पर बल दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाकिस्तान एफएटीएफ की अगली बैठक में निगरानी सूची से बाहर आ जाये। उन्होंने मनी लांड्रिंग निरोधक / आतंकवादियों के वित्त पोषण पर अंकुश लगाने (एएमएल / सीएफटी) और व्यापार आधारित मनी लांड्रिंग (टीबीएमएल) पर सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।