IRCTC का 1000 करोड़ की कमाई का प्लान, योजना से बाहर निकल सकते हैं यात्री

गौरतलब है कि रेलवे के ऑनलाइन टिकटिंग मंच इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन का इस्तेमाल 10 करोड़ से भी अधिक लोग करते हैं जिनमें से 7.5 करोड़ उपयोगकर्ता सक्रिय हैं।

Passengers can opt out IRCTC data monetisation plan
IRCTC डेटा मुद्रीकरण योजना से बाहर निकल सकते हैं यात्री  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली। हाल ही में यह बताया गया था कि भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग आर्म, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) प्राइवेट और सरकारी कंपनियों के साथ व्यापार करते हुए 1,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए यात्रियों के व्यक्तिगत डेटा को मुद्रीकरण करने के विकल्प खोज रही है। अब, यह सामने आया है कि रेल यात्री इसे 'ऑप्ट-आउट' कर सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को इकोनॉमिक टाइम्स के साथ शेयर किया कि, गतिविधि सख्ती से कानून की सीमाओं के भीतर रहेगी।

ब्योरों की बिक्री से 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी
रेलवे ने यात्रियों एवं मालढुलाई उपभोक्ताओं से जुड़े आंकड़ों की बिक्री (मौद्रीकरण) कर 1,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एक सलाहकार की सेवाएं लेने को एक निविदा जारी की है लेकिन निजता से जुड़े मुद्दे की वजह से इसे वापस लिया जा सकता है। सोशल मीडिया पर कई निजी अधिकार समूहों की तरफ से इसपर सवाल खड़े किए जाने के बाद रेलवे पर दबाव बढ़ता हुआ दिख रहा है। निजता के अधिकार की वकालत करने वाले समूहों का कहना है कि रेलवे अपने यात्रियों एवं मालढुलाई उपभोक्ताओं के बारे में जुटाए गए ब्योरे को इस तरह बेच नहीं सकता है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि निजता से जुड़ी इन चिंताओं के बीच रेलवे इस निविदा को वापस भी ले सकता है। हालांकि, रेलवे ने आधिकारिक तौर पर इस निविदा के बारे में कुछ भी नहीं कहा है लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि डेटा संरक्षण विधेयक को अंतिम रूप नहीं दिए जाने से इसे वापस लिए जाने के आसार हैं। इसके साथ ही सूत्रों ने कहा कि निविदा के जरिये चुना जाने वाला सलाहकार आईआरसीटीसी को उसके मौजूदा कारोबार में सुधार के लिए कदम सुझाएगा और भावी अवसरों के लिए रणनीति तय करने में भी मदद करेगा।

कारोबार में सुधार के लिए ली जा रही हैं सलाहकार की सेवाएं
घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा, 'आईआरसीटीसी न तो अपने आंकड़े बेचता है और न ही उसका ऐसा कोई इरादा है। सलाहकार की सेवाएं इसलिए ली जा रही हैं ताकि वह आईआरसीटीसी को अपने मौजूदा कारोबार में सुधार और भावी कारोबार के लिए रणनीतियां बनाने में सलाह दे सके।' बहरहाल, रेलवे की तरफ से इस बारे में जारी निविदा दस्तावेज के मुताबिक, रेलवे की तरफ से विभिन्न सार्वजनिक एप्लिकेशन के जरिये जुटाई गई जानकारियों का अध्ययन किया जाएगा। इनमें नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, लिंग, पता, ई-मेल आईडी, सफर की श्रेणी, भुगतान का तरीका, लॉगिन एवं पासवर्ड जैसे ब्योरे शामिल होंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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