2020-21 में 3 गुना बढ़ी PM Cares फंड की राशि, जानें कहां और कितना हुआ खर्च, ऐसी है ऑडिट रिपोर्ट

PM Cares Fund Audit: वित्त वर्ष 2020-21 में PM Cares फंड की राशि तीन गुना होकर 10,990 करोड़ रुपए हो गई जबकि खर्च 3,976 करोड़ हुआ।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 
मुख्य बातें
  • वित्त वर्ष 2020-21 में पीएम केयर्स फंड में राशि 10,990 करोड़ रुपये हो गई
  • व्यय की रकम बढ़कर 3,976 करोड़ रुपए हो गई
  • प्रवासी कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए

कोविड महामारी जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए स्थापित किए गए पीएम केयर्स फंड में वित्त वर्ष 2020-21 में कोष लगभग तीन गुना बढ़कर 10,990 करोड़ रुपए हो गया, जबकि वितरण बढ़कर 3,976 करोड़ हो गया है। ताजा ऑडिट विवरण से जानकारी सामने आई है। प्रवासियों के कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए और कोविड रोधी टीकों की खरीद के लिए 1,392 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए। वित्त वर्ष के दौरान विदेशी योगदान के रूप में लगभग 494.91 करोड़ रुपए और स्वैच्छिक योगदान के रूप में 7,183 करोड़ रुपए आए। 2019-20 में कुल योगदान 3,076.62 करोड़ रुपए था, जो 27 मार्च, 2020 को इसके गठन के केवल पांच दिनों में 2.25 लाख रुपए के प्रारंभिक कोष के साथ एकत्र किया गया था।

प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए विवरण के अनुसार, इसमें पूरी तरह से व्यक्तियों/संगठनों से स्वैच्छिक योगदान होता है और इसे कोई बजटीय सहायता नहीं मिलती है।

सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को बढ़ावा देने के लिए वेंटिलेटर सहित चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए पैसे का उपयोग किया है और प्रवासियों को भी राहत प्रदान की है। हालांकि, विपक्षी दलों ने PM CARES फंड की आलोचना करते हुए दावा किया है कि इसके योगदान और खर्च पारदर्शी नहीं हैं। सरकार ने इस आरोप से इनकार किया है।

यहां-यहां इतना हुआ खर्च

नवीनतम ऑडिट के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में 50,000 मेड-इन-इंडिया वेंटिलेटर के लिए 1,311 करोड़ रुपए, मुजफ्फरपुर और पटना में दो 500-बेड वाले कोविड अस्पतालों की स्थापना के लिए और नौ राज्यों में 16 आरटी-पीसीआर परीक्षण प्रयोगशालाओं  के लिए 50 करोड़ रुपए का वितरण किया। इसके अलावा, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में ऑक्सीजन संयंत्रों पर 201.58 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि 20.4 करोड़ रुपए कोविड के टीकों पर काम करने वाली प्रयोगशालाओं के अपग्रेडेशन के लिए वितरित किए गए।

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प्रवासियों के कल्याण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जबकि 1,392.82 करोड़ रुपए कोविड के टीकों की 6.6 करोड़ खुराक की खरीद पर खर्च किए गए। फंड से बैंक शुल्क के रूप में 1.01 लाख रुपए भी खर्च हुए। 31 मार्च 2021 तक फंड का क्लोजिंग बैलेंस 7,013.99 करोड़ रुपए था, जो एक साल पहले के 3,076.62 करोड़ रुपए के दोगुने से ज्यादा था।

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