डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रोग्राम में बैंकिंग सुधार पर बोले पीएम मोदी- आज का नया भारत समस्या टालता नहीं, समाधान पर जोर लगाता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में 'जमाकर्ता प्रथम: 5 लाख रुपए तक गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान' प्रोग्राम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में 1 लाख से ज्यादा डिपोजिटर्स का फंसा पैसा उनके खातों में जमा हो गया है।

PM Modi addresses Depositors First: Guaranteed Time-bound Deposit Insurance Payment up to Rs 5 Lakh programme
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 
मुख्य बातें
  • बैंक जमा बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है।
  • इस योजना से लगभग 98 प्रतिशत जमा खातों को लाभ होगा।
  • पीएम ने कहा कि पहले लोगों को किसी बैंक से फंसा अपना ही पैसा प्राप्त करने में वर्षों लग जाते थे।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञान भवन में 'जमाकर्ता प्रथम: 5 लाख रुपए तक गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान' प्रोग्राम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के लिए, बैंकिंग सेक्टर के लिए और देश के करोड़ों अकाउंट होल्डर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज के आयोजन का जो नाम दिया गया है उसमें 'डिपॉजिटर्स फर्स्ट: जमाकर्ता सबसे पहले' की भावना को सबसे पहले रखना इसे और सटीक बना रहा है। बीते कुछ दिनों में 1 लाख से ज्यादा डिपोजिटर्स का फंसा पैसा उनके खातों में जमा हो गया है। ये राशि करीब 1300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। आज इस कार्यक्रम में और इसके बाद भी 3 लाख ऐसे और डिपोजिटर्स का पैसा उनके खातों में जमा होने वाला है। कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके उन्हें विकराल होने से बचा सकता है। लेकिन वर्षों तक हमारे यहां ये प्रवृत्ति रही की समस्या है, इसे टाल दो। आज का नया भारत समस्या के समाधान पर जोर लगाता है, समस्या को टालता नहीं है।

पहले पैसे कब मिलेंगे, इसकी कोई समय सीमा तय नहीं थी

पीएम ने कहा कि पहले लोगों को किसी बैंक से फंसा अपना ही पैसा प्राप्त करने में वर्षों लग जाते थे। हमारे निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग और गरीबों ने इस समस्या को झेला है। इस स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार ने बहुत संवेदनशीलता के साथ बदलाव किए, रिफॉर्म किए। यानी अगर बैंक डूबा, तो Depositors को, जमाकर्ताओं को सिर्फ एक लाख रुपए तक ही मिलने का प्रावधान था। ये पैसे भी कब मिलेंगे, इसकी कोई समय सीमा नहीं तय थी। गरीब की चिंता को समझते हुए, मध्यम वर्ग की चिंता को समझते हुए हमने इस राशि को बढ़ाकर फिर 5 लाख रुपए कर दिया। हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी। पहले बैंक में जमा रकम में से सिर्फ 50 हजार रुपए तक की राशि पर ही गारंटी थी। फिर इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया था।

अब बैंक डूबने पर 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को मिल जाएंगे पैसे

पीएम ने कहा कि कानून में संसोधन करके एक और समस्या का समाधान करने की कोशिश की है। पहले जहां पैसा वापसी की कोई समयसीमा नहीं थी, अब हमारी सरकार ने इसे 90 दिन यानि 3 महीने के भीतर अऩिवार्य किया है। यानी बैंक डूबने की स्थिति में भी, 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा। पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी, हर प्रकार से सशक्त की गई है। जब RBI, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो, उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा।

हमें बैंक बचाने हैं तो Depositors को सुरक्षा देनी ही होगी

पीएम ने कहा कि देश की समृद्धि में बैंकों की बड़ी भूमिका है। और बैंकों की समृद्धि के लिए Depositors का पैसा सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है। हमें बैंक बचाने हैं तो Depositors को सुरक्षा देनी ही होगी। बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी, हर प्रकार से सशक्त की गई है। 

हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच सुविधा है

जब RBI, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो, उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा। हमारे यहां समस्या सिर्फ बैंक अकाउंट की ही नहीं थी, बल्कि दूर-सुदूर तक गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने की भी थी। आज देश के करीब-करीब हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच या बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट की सुविधा पहुंच चुकी है।

सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी हो रहा है

आज भारत का सामान्य नागरिक कभी भी, कहीं भी, सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी डिजिटली कर पा रहा है। कुछ साल पहले तक इस बारे में सोचना तो दूर, भारत के सामर्थ्य पर अविश्वास करने वाले लोग इसका मजाक उड़ाते फिरते थे। पीएम ने कहा कि ऐसे अनेक सुधार हैं जिन्होंने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा में भी भारत के बैंकिंग सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने में मदद की है। जब दुनिया के समर्थ देश भी अपने नागरिकों तक मदद पहुंचाने में संघर्ष कर रहे थे, तब भारत ने तेज गति से देश के करीब-करीब हर वर्ग तक सीधी मदद पहुंचाई।

महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ

पीएम ने कहा कि जनधन योजना के तहत खुले करोड़ों बैंक अकाउंट्स में से आधे से अधिक महिलाओं के ही हैं। इन बैंक अकाउंट्स का महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जो असर हुआ है, वो हमने हाल में आए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में भी देखा है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश ने इस COVID महामारी के दौरान एक साथ काम करने का प्रदर्शन किया है। भारत का वह क्षण आ गया है जहां भारत वास्तव में विश्व अर्थव्यवस्था का ग्रॉस ड्राइवर बन सकता है। यह तभी संभव होगा जब बैंकिंग सेक्टर के सभी हितधारक एक साथ काम करें। 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना से लगभग 98 प्रतिशत जमा खातों को लाभ होगा। इससे भारतीयों को बैंकों पर भरोसा करने में मदद मिलेगी। कुल 17 बैंक अपने जमाकर्ताओं को पैसा वापस करने में विफल रहे हैं। 1 लाख रुपए की जमा राशि को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। लिया गया समय 8-9 वर्ष था जिसे जमा बीमा क्रेडिट गारंटी योजना के तहत घटाकर 90 दिन कर दिया गया है।

डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत सभी तरह के खाते बचत, फिक्स्ड, चालू और रेकरिंग आते हैं। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में परिचालन कर रहे सहकारी बैंकों के जमा खाते भी आते हैं। एक बड़े सुधार के तहत सरकार ने बैंक जमा बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, MoS वित्त और RBI गवर्नर भी उपस्थित थे।

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