पीएमसी बैंक का होगा USFB में विलय, RBI ने जारी किया योजना का मसौदा, जमाकर्ताओं को मिलेगी सुरक्षा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Nov 22, 2021 | 18:17 IST

RBI draft scheme for PMC Bank: केंद्रीय बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के दिल्ली के यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा अधिग्रहण के लिए मसौदा जारी किया।

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PMC का होगा USFB में विलय, RBI ने जारी किया योजना का मसौदा  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • RBI ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के दिल्ली के USFB द्वारा अधिग्रहण के लिए मसौदा जारी किया।
  • इससे जमाकर्ताओं को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
  • केंद्रीय बैंक इस योजना के मसौदे पर 10 दिसंबर को शाम पांच बजे तक सुझाव व आपत्तियां लेगा।

RBI draft scheme for PMC Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने संकट में फंसे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक के दिल्ली के यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक (USFB) द्वारा अधिग्रहण के लिए एक मसौदा जारी किया है।

मसौदे में योजना के प्रावधानों के संदर्भ में यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा जमा के साथ-साथ पीएमसी बैंक की संपत्ति और देनदारियों के अधिग्रहण की परिकल्पना की गई है। इससे जमाकर्ताओं (depositors) को अधिक सुरक्षा मिलेगी।

RBI 10 दिसंबर को शाम पांच बजे तक लेगा आपत्तियां
इस संदर्भ में केंद्रीय बैंक ने कहा कि, 'इस तरह के बैंक की स्थापना के लिए नियामकीय जरूरत सिर्फ 200 करोड़ रुपये होती है। लेकिन यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक का गठन 1,100 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ किया जा रहा है।' केंद्रीय बैंक इस योजना के मसौदे पर 10 दिसंबर को शाम पांच बजे तक सुझाव व आपत्तियां लेगा और इसके बाद इस अधिग्रहण पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मालूम हो कि यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड, सेंट्रम ग्रुप और भारतपे का संयुक्त उद्यम है। बैंक ने 1 नवंबर 2021 को स्मॉल फाइनेंस बैंक के रूप में परिचालन शुरू किया था।

PMC बैंक के जमाकर्ताओं को कब वापस मिलेगा उनका पैसा?
मसौदा योजना के अनुसार, महाराष्ट्र स्थित पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को उनका पैसा तीन से दस साल की अवधि में वापस मिल जाएगा। इसके अनुसार, अधिग्रहण करने वाला बैंक जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की DICGC द्वारा गारंटीकृत राशि का भुगतान करेगा। शेष राशि के लिए, बैंक दो साल के अंत में पहले से किए गए भुगतान के ऊपर 50,000 रुपये का भुगतान करेगा, तीन साल के अंत में एक लाख रुपये तक की राशि का भुगतान किया जाएगा, चार साल के अंत में तीन लाख रुपये तक की राशि का भुगतान किया जाएगा, पांच साल के अंत में 5.5 लाख रुपये और शेष राशि का भुगतान 10 साल बाद किया जाएगा।

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