भारत के पास है सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्टार्टअप इकोसिस्टम: पीएम मोदी

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Apr 29, 2022 | 14:38 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 21वीं सदी की जरूरतों के लिए युवा भारतीयों के स्किल और ट्रेनिंग में भारी निवेश कर रहा है।

Prime Minister Narendra Modi at Semicon India Conference 2022 in Bengaluru
भारत के पास है सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्टार्टअप इकोसिस्टम: पीएम मोदी  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • आने वाले सालों में भारत में सेमीकंडक्टर की खपत बढ़ सकती है।
  • भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बदलने की दिशा में भारत ने कई कदम उठाए हैं।
  • भारत न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य में सुधार कर रहा है, बल्कि अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है: पीएम मोदी।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2022 (Semicon India Conference 2022) के उद्घाटन सत्र में भारत अर्थव्यवस्था पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर की खपत साल 2026 तक 80 अरब डॉलर और साल 2030 तक 110 अरब डॉलर के पार जा सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई की यह दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता स्टार्ट-अप इको-सिस्टम है।

प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार है भारत 
पीएम मोदी ने कहा कि अन्य चीजों के साथ ही 5G में क्षमताओं को विकसित करने में निवेश किया जा रहा है। सरकार एक- दो नहीं, बल्कि छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने के लिए कदम उठा रही है। सरकार हम 5जी (5G), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और क्लीन एनर्जी टेक्नेलॉजी में क्षमताओं के विकास में निवेश कर रहे हैं।

देश के आर्थिक स्वास्थ्य के बारे में 
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इको-सिस्टम (startup ecosystem) के साथ मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ की ओर अग्रसर है। देश में आए दिन नए यूनिकॉर्न सामने आ रहे हैं। जिन स्टार्टअप की वैल्यू एक अरब डॉलर से ज्यादा हो जाती है, उन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए उठाए कई कदम
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने देश में व्यापार करने में आसानी (Ease Of Doing Business) में सुधार के लिए व्यापक सुधार किए हैं। इस दिशा में सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जैसे 25,000 से ज्यादा अनुपालनों को समाप्त करना, लाइस का ऑटो-रिन्यूअल, डिजिटलीकरण के जरिए रिगुलेटरी फ्रेमवर्क में पारदर्शिता और गति, और दुनिया में सबसे अनुकूल टैक्सेशन स्ट्रक्चर।

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