PCA Framework: RBI ने किया बदलाव, 1 जनवरी से बैंकों पर लागू होगा संशोधित पीसीए ढांचा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Nov 03, 2021 | 14:39 IST

Prompt Corrective Action Framework: केंद्रीय बैंक ने बैंकों के लिए खास संशोधित त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा (PCA Framework) पेश किया है, जो एक जनवरी से लागू होगा।

Prompt Corrective Action PCA Framework issued by RBI
Prompt Corrective Action PCA Framework issued by RBI (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • RBI ने बैंकों के लिए संशोधित PCA Framework पेश किया है।
  • नए साल की शुरुआत से संशोधित पीसीए ढांचा लागू हो जाएगा।
  • इसके तहत कुछ खास मापदंडों के आधार पर बैंकों की वित्तीय सेहत का आंकलन होता है।

PCA Framework: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए खास संशोधित त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) ढांचा जारी किया है। पीसीए फ्रेमवर्क के जरिए उचित समय पर निरीक्षणात्मक हस्तक्षेप सक्षम हो पाएगा। साथ ही यह प्रभावी बाजार अनुशासन के लिए एक उपकरण के रूप में भी कार्य करेगा। यह 1 जनवरी 2022 से प्रभावी होगा। 

बैंकों की वित्तीय सेहत का होगा आंकलन
PCA फ्रेमवर्क के तहत कुछ खास मापदंडों के आधार पर बैंकों की वित्तीय सेहत देखी जाती है। संशोधित ढांचे में निगरानी के लिए कैपिटल, परिसंपत्ति गुणवत्ता और लेवरेज जैसे मापदंड शामिल होंगे। आमतौर पर एक बैंक को उसके सालाना नतीजे और आरबीआई की ओर से की गई सुपरवाइजरी मूल्यांकन के आधार पर पीसीए फ्रेमवर्क में डाला जाता है।

ये है PCA Framework का उद्देश्य
PCA फ्रेमवर्क का उद्देश्य सुपरवाइज हो रही संस्था में सुधार के लिए सही समय पर सही उपायों का लागू करना है। नए साल की शुरुआत से ही संशोधित पीसीए ढांचा लागू हो जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि, 'पीसीए ढांचे का उद्देश्य उचित समय पर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप को सक्षम करना है। पर्यवेक्षित इकाई को सही समय पर उपचारात्मक उपायों को शुरू करने और लागू करने की जरूरत है। इससे वित्तीय स्वास्थ्य को बहाल किया जा सकेगा।'

इससे पहले अप्रैल 2017 में हुआ था संशोधित
मालूम हो कि संशोधित ढांचे के मुताबिक, कैपिटल, परिसंपत्ति गुणवत्ता और लेवरेज के लिए संकेतक CRAR या सामान्य इक्विटी टियर 1 अनुपात, शुद्ध NPA अनुपात और टियर 1 लेवरेज अनुपात होंगे। अगर किसी बैंक को पीसीए के तहत रखा जाता है तो उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। इसको अंतिम बार अप्रैल 2017 में संशोधित किया गया था।

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