Ranbaxy Case: सुप्रीम कोर्ट ने मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को अवमानना का दोषी पाया

बिजनेस
Updated Nov 15, 2019 | 12:09 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Ranbaxy Case latets news : सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया है। जापानी कंपनी दाइची सैंक्यो ने उनके खिलाफ केस दायर किया है।

Ranbaxy Case: सुप्रीम कोर्ट ने मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को अवमानना का दोषी पाया
Ranbaxy Case: मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह कोर्ट की अवमानना के दोषी।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह अवमानना के दोषी
  • आदेश का उल्लंघन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों भाइयों को अवमानना का दोषी पाया
  • जापानी दवा निर्माता कंपनी दाइची सैंक्यो ने दोनों भाइयों के खिलाफ दायर किया है केस

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जापानी कंपनी दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) की ओर से दायर केस में रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया है। शीर्ष अदालत ने ने कहा कि दोनों भाइयों ने उसके आदेश का उल्लंघन किया है कोर्ट ने दोनों भाइयों से फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड से शेयर न निकालने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक भाई 1175 करोड़ रुपए जमा कर अवमानना की कार्रवाई से बच सकते हैं।

बता दें कि जापानी दवा निर्माता कंपनी दाइची दोनों भाइयों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज कराया है। कंपनी का आरोप है कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए दोनों भाइयों ने कंपनियों से पैसे निकालकर उन्हें ठिकाने लगाया है। गत अक्टूबर को 740 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में दिल्ली पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया।

दाइची ने करीब एक दशक पहले रैनबैक्सी का अधिग्रहण किया था। इसके बाद हुए एक विवाद के निपटारे के लिए कोर्ट ने 2016 में रैनबैक्सी को दाइची सैंक्यों को 2562 करोड़ रुपए भुगतान करने का आदेश दिया। इसके पहले कोर्ट ने दोनों भाइयों को हिदायत दी थी कि यदि वे भुगतान नहीं करते तो उन्हें जेल जानी पड़ेगी।

दाइची का आरोप है कि रैनबैक्सी को बेचते समय दोनों भाइयों ने कंपनी के तथ्य छिपाए। सिंगापुर अर्बिटरेशन ट्रिब्यूनल ने मलविंदर और शिविंदर को दाइची को भुगतान करने का आदेश दिया था। दोनों भाइयों ने इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों भाइयों को जुर्माने की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया। फरवरी 2018 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद दोनों भाइयों ने फोर्टिस हेल्थकेयर बोर्ड के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर