झटका: RBI ने कैंसिल कर दिया है इस बैंक का लाइसेंस, अब आपके पैसों का क्या होगा?

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Sep 23, 2022 | 10:16 IST

Reserve Bank of India: महाराष्ट्र के लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल था, जिसको ध्यान में रखते हुए इसका लाइसेंस कैंसल किया गया है।

RBI cancelled licence of Maharashtra based Laxmi Co operative Bank Limited
ग्राहकों पर टूटा कहर! बंद हो गया है ये बैंक, जानिए आपके पैसों का क्या होगा  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • लोग पूरे विश्वास के साथ बैंकों में अपने पैसे जमा करते हैं।
  • बैंक में डिपॉजिटर्स को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है।
  • अगर आपके पैसे एक से ज्यादा बैंकों में जमा हैं, तो आपको हर बैंक में बीमा कवरेज मिलेगा।

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सख्त कदम उठाते हुए सोलापुर, महाराष्ट्र स्थित ऋणदाता लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Laxmi Co-operative Bank Limited) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस संदर्भ में केंद्रीय बैंक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैंक 22 सितंबर 2022 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने 14 सितंबर 2022 के आदेश के माध्यम से इस बैंक का लाइसेंस कैंसिंल किया है। महाराष्ट्र के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और इसके लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।

क्यों रद्द हुआ लाइसेंस?
उल्लेखनीय है कि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र के कैपिटल की कमी और इनकम की संभावनाएं नहीं होने की वजह से केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। आरबीआई ने कहा है कि बैंक अपनी मौजूदा फाइनेंशियल स्थिति में डिपॉजिटर्स की पूरी राशि का भुगतान करने में समर्थ नहीं है।

अचानक बंद हो जाए बैंक, तो आपके सेविंग, एफडी, आरडी अकाउंट में जमा पैसों का क्या होगा?

बैंक धारा 22(3) (ए), 22(3)(बी), 22 (3)(सी), 22(3)(डी) और 22(3)(ई) के साथ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) की धारा 56 के तहत नियमों का पालन करने में सफल नहीं रहा है। अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बैंक को अपने बैंकिंग कारोबार को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है, तो यह जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

आपके पैसे का क्या होगा?
जमाकर्ता को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से 99 फीसदी से भी ज्यादा डिपॉजिटर्स अपनी डिपॉजिट की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। इस संदर्भ में कहा गया है कि डीआईसीजीसी ने 13 सितंबर 2022 तक कुल बीमित जमा राशि का 193.68 करोड़ रुपये पहले ही भुगतान कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज को अगले आदेश तक लोन रिकवरी और पुनर्ग्रहण गतिविधियों के लिए थर्ड पार्टी की सर्विस का इस्तेमाल करने से रोका है।

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