नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था पर महामारी के संकट के बीच आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार सुबह 10 बजे एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। यह 2 महीने में उनकी तीसरी प्रेस वार्ता है जिसमें अर्थव्यवस्था को राहत देने वाले ऐलान किए गए हैं। इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस 27 मार्च और दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 17 अप्रैल को की थी।
इस बार आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में कटौती की घोषणा के साथ रिजर्व बैंक की ओर से घोषित पुराने राहत उपायों की सीमा आगे बढ़ाने की घोषणा की है। यहां देखिए रिजर्व बैंक की प्रेस कॉन्फ्रेंस और पढ़िए आरबीआई गवर्नर ने क्या क्या ऐलान किए।
आगे बढ़ाई छूट की सीमा: आरबीआई ने टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल पर तीन महीने की अधिस्थगन की अनुमति देते हुए कुछ छूट दी थी। COVID-19 के कारण लॉकडाउन आगे बढ़ने और लगातार अलग अलग तरह की परेशानियों के मद्देनजर, इन उपायों को 1 जून से 31 अगस्त तक 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है।
बैंकों से अपनी वित्त पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट्स को सक्षम करने के लिए बैंकों के ग्रुप एक्सपोजर की सीमा को पात्र पूंजी आधार के 25% से 30% तक बढ़ाया जा रहा है। बढ़ी हुई सीमा 30 जून, 2021 तक लागू रहेगी।
नकारात्मक जीडीपी बढ़त: 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दूसरी छमाही में नकारात्मक श्रेणी में रहने की उम्मीद है।
पहली दो प्रेस कॉन्फ्रेंस में, RBI गवर्नर ने बैंकिंग प्रणाली में तरलता के दबाव को कम करने और COVID-19 से अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान के उपायों की एक श्रृंखला की घोषणा की थी। इनमें मार्च में रेट में 75 अंक की कटौती और दो राउंड में कम से कम 5 लाख करोड़ रुपए की तरलता के उपाय शामिल थे। इसके अलावा, आरबीआई ने 1 मार्च से 31 मई के बीच सभी ऋण अदायगी के लिए तीन महीने की मोहलत की घोषणा की थी।
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