RBI ने बैंकों, NBFC को दी चेतावनी, 'डिजिटल लेनदेन में ग्राहकों के साथ न हो धोखाधड़ी'

RBI ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से कहा कि डिजिटल लेनदेन को और अधिक पारदर्शी बनाएं। ग्राहकों को पूरी जानकारी दें।

RBI warns banks, NBFC, customers should not be cheated in digital transactions
डिजिटल लेनदेन को लेकर RBI ने बैंकों, NBFC को दी चेतावनी 
मुख्य बातें
  • भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की शिकायतों पर बैंकों, NBFC के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं
  • बैंकों, NBFC से कहा है कि अपनी वेबसाइटों पर ग्राहकों को पूरी जानकारी दें
  • ग्राहकों से अत्यधिक ब्याज लेने और वसूली के कठोर तरीकों की शिकायतें सामने आई है

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की शिकायतों के मद्देनजर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को डिजिटल लेनदेन में गैर-पारदर्शिता और वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग के बारे में विस्तृत गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने और फेयर प्रैक्टिस कोड के लेकर चेतावनी दी है। बैंकों और NBFC को जारी एक नोटिफिकेशन में, RBI ने कहा कि देर से, उधार देने वाले प्लेटफार्मों के खिलाफ कई शिकायतें हैं जो मुख्य रूप से अत्यधिक ब्याज दरों, ब्याज की कैलेकुलेशन के लिए गैर-पारदर्शी तरीकों, कठोर वसूली उपायों, बुरा व्यवहार और पर्सनल डेटा का अनऑथराइज यूज से संबंधित है। अपने ग्राहकों को खुलासे पर बैंकों और NBFC के डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म को गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। 

डिजिटल लोन को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए RBI ने बैंकों, NBFC और डिजिटल लोन प्लेटफॉर्मों से कहा कि वे अपनी वेबसाइटों पर इस बारे में ग्राहकों को पूरी जानकारी दें। यह निर्देश कई शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए जारी किया गया है। इन शिकायतों में कहा गया था कि लोन प्लेटफॉर्मों द्वारा बहुत अधिक ब्याज लेने और वसूली के कठोर तरीकों को अपनाने और अन्य उत्पीड़न की बात कही गई थी।

बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइटों अपने एजेंटों के नाम का खुलासा करें। इसके अलावा डिजिटल लोन प्लेटफॉर्मों से कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइट पर बताएं कि वे किसी बैंक या NBFC की तरफ से कर्ज दे रहे हैं।

RBI ने अनुसूचित कॉमर्शियल बैंकों और एनबीएफसी से कहा कि बैंकों/ NBFC द्वारा किसी भी गतिविधि की आउटसोर्सिंग उनके दायित्वों को कम नहीं करती है, क्योंकि रेगुलेटरी निर्देशों के पालन की जिम्मेदारी पूरी तरह उनकी होती है। RBI ने आगे कहा कि लोन की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद लोन लेने वाले को बैंक या NBFC के लेटरहेड पर एक पत्र जारी करना चाहिए।

 

इन गाइडलाइन्स को जारी करते हुए RBI ने कहा कि अक्सर डिजिटल लोन प्लेटफॉर्म अपने बैंक/ NBFC के नाम का खुलासा किए बिना खुद को उधार देने वाला बताते हैं, जिसके चलते ग्राहक रेगुलेटरी के तहत उपलब्ध प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा पाता है।

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