रिलायंस-अरामको डील रद्द, दोनों कंपनियों ने पुनर्मूल्यांकन करने पर जताई सहमति

बिजनेस
भाषा
Updated Nov 19, 2021 | 23:55 IST

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको को अपनी तेल रिफाइनरी में हिस्सेदारी बेचने को लेकर डील पर नए सिरे से काम शुरू किया।

Reliance-Aramco deal canceled, both companies agreed to re-evaluate
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड-अरामको डील पर पुनर्मूल्यांकन  

नई दिल्ली : अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको को अपनी तेल रिफाइनरी और पेट्रोरसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के प्रस्तावित 15 अरब डॉलर के सौदे के पुनर्मूल्यांकन की घोषणा की है। इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज इस सौदे को लेकर दो बार स्व-निर्धारित समयसीमा से चूकी है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को कहा कि दोनों कंपनियों ने भारतीय फर्म के नए ऊर्जा कारोबार में प्रवेश के मद्देनजर प्रस्तावित निवेश का पुनर्मूल्यांकन करने पर सहमति जताई है। हिस्सेदारी बिक्री के लिए बातचीत की खबर पहली बार अगस्त, 2019 में आधिकारिक तौर पर सामने आई थी। इस बीच, तीन वर्षों में रिलायंस ने वैकल्पिक ऊर्जा में 10 अरब डॉलर का निवेश करके नए ऊर्जा कारोबार में प्रवेश किया। इसके मद्देनजर इस सौदे का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है।

आरआईएल ने एक बयान में कहा कि कंपनी के व्यापार पोर्टफोलियो की विकसित होती प्रकृति के कारण रिलायंस और सऊदी अरामको ने पारस्परिक रूप से यह तय किया है कि दोनों पक्षों के लिए बदले हुए संदर्भ के मद्देनजर ओ2सी (तेल से लेकर रसायन तक) व्यवसाय में प्रस्तावित निवेश का पुनर्मूल्यांकन करना फायदेमंद होगा। रिलायंस ने कहा कि साथ ही ओ2सी कारोबार को अलग करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष किए गए आवेदन को वापस लिया जा रहा है।

भारतीय कंपनी ने कहा कि अरामको का प्रस्तावित निवेश सिर्फ तेल रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन कारोबार के लिए था, लेकिन अब रिलायंस हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी है जिसकी वजह से इस सौदे पर नए सिरे से काम करने की जरूरत है। हालांकि, कंपनी ने इस सौदे के लिए कोई संभावित समयसीमा नहीं बताई है।

बयान में कहा गया है कि पिछले दो साल के दौरान दोनों कंपनियों की टीमों ने कोविड-19 की वजह से लागू अंकुशों के बावजूद जांच-परख की प्रक्रिया के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए। ‘यह दोनों संगठनों के लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों तथा आपसी समझ से संभव हो पाया।’

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