Retail payment systems : रिटेल पेमेंट सिस्टम ऑपरेटिंग के नियम जारी, इच्छुक कंपनियों से RBI ने मांगे आवेदन

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Updated Aug 19, 2020 | 10:51 IST

रिजर्व बैंक की रूपरेखा के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की खुदरा भुगतान प्रणाली का संचालन करने के लिए आवेदन करने वाली कंपनी की नेटवर्थ 500 करोड़ रुपए से अधिक होनी चाहिए।

Retail payment systems operating Rules released, RBI invited applications from interested companies
रिटेल पेमेंट सिस्टम ऑपरेटिंग के नियम जारी 

मुंबई : रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अखिल भारतीय स्तर पर खुदरा भुगतान प्रणालियों के संचालन के लिए छत्र-इकाई स्थापित/परिचालित करने के नियम जारी किए और काम शुरू करने की इच्छुक कंपनियों से 26 फरवरी 2021 तक आवेदन आमंत्रित किए हैं। छत्र इकाई अपने नाम के तहत खुदारा बाजार में विभिन्न प्रणालियों की स्थापना, प्रबंध और परिचालन कर सकेगी। रिजर्व बैंक की रूपरेखा के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की खुदरा भुगतान प्रणाली का संचालन करने के लिए आवेदन करने वाली कंपनी की नेटवर्थ 500 करोड़ रुपए से अधिक होनी चाहिए। ऐसी कंपनी को खुदरा भुगतान के क्षेत्र में एटीएम, खुदरा बिक्री केन्द्रों, आधार आधारित भुगतान और प्राप्ति सेवाओं सहित समूचे खुदरा क्षेत्र की नई भुगतान व्यवस्था का संचालन और व्यवस्था देखनी होगी। कंपनी इस प्रकार के भुगतान केन्दों की स्थापना करने से लेकर उनकी देखरेख और परिचालन के लिए जवाबदेह होगी।

रिजर्व बैंक की इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिजर्व बैंक इस प्रकार की व्यापक इकाई स्थापित करने वालों से आवेदन आमंत्रित करता है। ये आवेदन 26 फरवरी 2021 को सामान्य कामकाज का समय समाप्त होने से पहले उपलब्ध कराए गए फॉर्म-A में भरकर सौंप दिए जाने चाहिए।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस प्रकार की वृहद इकाई को बैंकों और गैर- बैंकों के लिए क्लयरिंग और निपटान प्रणाली का परिचालन करने की भी अनुमति होगी। इसमें उसे निपटान, ऋण, तरलता और परिचालन संबंधी जोखिमों की पहचान और उन्हें व्यवस्थित भी करना होगा। इसके साथ ही पूरी प्रणाली की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को बनाए रखना होगा।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसी कंपनी को खुदरा भुगतान प्रणाली से जुड़े देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों पर भी नजर रखनी होगी ताकि घरेलू प्रणाली में इनसे पड़ने वाले झटकों, धोखाधड़ी और दूसरी प्रतिक्रियाओं से बचा जा सके और अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभाव को रोका जा सके।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस प्रकार की वृहद कंपनी के लिए आवेदन करने के वास्ते उसके प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह सभी का स्वामित्व एवं नियंत्रण भारतीय नागरिक के हाथ में होना चाहिए। आवेदन करने वाली इकाई में यदि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होता है तो उसे विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत अतिरिक्त पूंजी जरूरत को पूरा करना होगा और सक्षम प्राधिकरण से इसके लिए मंजूरी भी लेनी होगी।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये आवेदनों को रिजर्व बैंक में उनकी प्राप्ति के मुताबिक ही आवेदन की अंतिम तिथि के बाद ही आगे कार्यवाही के लिए लिया जाएगा। आवेदनों की जांच पड़ताल बाहरी सलाहकार समिति द्वारा की जाएगी।

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