रिवर्स मॉर्गेजिंग से कर सकते हैं अधिक कमाई, जानिए क्या है यह स्कीम

रिवर्स मॉर्गेज से वरिष्ठ नागरिकों को उस समय अपने अनिवार्य खर्चों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त आय कमाने में मदद मिलती है, जब उनकी आय बहुत ही कम, अनियमित तथा अनिश्चित होती है। यहां विस्तार से जानिए।

Reverse mortgageing can help senior citizens to earn more, know what is this scheme
रिवर्स मॉर्गेज से कमाई 

हर कोई बिना किसी पर निर्भर रह कर एक सम्मानित जीवन जीना चाहता है। यह बात खासतौर पर सेवानिवृत या वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी सही उतरती है जिनके पास आमतौर पर नियमित आय नहीं होती है लेकिन साथ ही वे वित्तीय रूप से स्वतंत्र रहना चाहते हैं। भारत में अधिकांश लोगों के पास रिटायरमेंट के बाद सोशल सिक्योरिटी नहीं होती है। वे लोग जिन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है, उनको तो वित्तीय सुरक्षा मिल ही जाती है, लेकिन कुछ आपातकालीन अतिरिक्त जरूरतों के लिए वह भी काफी साबित नहीं हो सकती है। साथ ही, अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों पर बोझ बनने से बचना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है की उनके बच्चों को अपने बढ़ते हुए परिवारों की भी देखभाल करनी होती है। इन सभी बातों के कारण रिवर्स मॉर्गेज पर विचार करना उपयोगी साबित हो सकता है। रिवर्स मॉर्गेज से वरिष्ठ नागरिकों को उस समय अपने अनिवार्य खर्चों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त आय कमाने में मदद मिलती है, जब उनकी आय बहुत ही कम, अनियमित तथा अनिश्चित होती है। वे अपने ही घर का इस्तेमाल वहां रहने के दौरान ही इसे मॉर्गेज करके अतिरिक्त आय कमाने के लिए कर सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने वाले व्यक्ति को इस बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि रिवर्स मॉर्गेज किस तरह से काम करता है और सूचित निर्णय लेने के लिए इसके लाभ और हानि का मूल्यांकन कर लेना चाहिए। इस लेख में, हम इस स्कीम पर गहराई से विचार करेंगे और यह पता लगाएंगे कि क्या आय वरिष्ठ नागरिकों के लिए लाभदायक है।

रिवर्स मॉर्गेज क्या होता है?

रिवर्स मॉर्गेज एक ऐसी स्कीम है जिसमें घर के मालिक, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, वे उधारदाता संस्थान को अपनी सम्पत्ति गिरवी रख देते हैं, ताकि वे, उधारदाता और उधारकर्ता के बीच म्यूचल समझौते के अनुसार एकमुश्त या पीरियोडिक भुगतान प्राप्त कर सकें। अनेक फैक्टर्स जैसे आयु, सम्पत्ति का मूल्य, ब्याज दर और चुना गया प्लान आदि पर विचार करने के बाद, लोन राशि को तय किया जाता है। एक बार जब आप रिवर्स मॉर्गेज को चुन लेते हैं, तो उधारदाता संस्थान द्वारा गिरवी रखी गई सम्पत्ति के बदले में या तो मासिक इंस्टालमेंट्स में या फिर एकमुश्त राशि उधार दी जाएगी। उधारकर्ता को इस प्रकार के मॉर्गेज विकल्प में कोई रिपेमेंट नहीं करनी होगी। कौन यह स्कीम लेने के योग्य है?

इस फाईनेंसिंग सुविधा का लाभ उठाने के लिए, घर के मालिक की आयु 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए तथा उसका सेल्फ-एक्वायर्ड प्रोपटी में रहना आवश्यक है। साथ ही, मॉर्गेज की गई सम्पत्ति की रेसिड्यूल लाइफ कम से कम 20 वर्ष होनी चाहिए। योग्यता के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण फैक्टर जिस पर विचार किया जाएगा, वह यह है कि सम्पत्ति किसी भी प्रकार के एन्कम्ब्रन्स (भार) से मुक्त होनी चाहिए और उधारकर्ता का स्पष्ट मालिकाना हक होना चाहिए। किसी वरिष्ठ नागरिक कप्पल द्वारा इस स्कीम का लाभ संयुक्त उधारकर्ताओं के रूप में उठाया जा सकता है। लेकिन, ऐसे मामले में आयु संबंधी फैक्टर का निर्णय उधारदाता संस्थान द्वारा किया जाता है, लेकिन उनमें से किसी एक की आयु 60 वर्ष से अधिक जरूर होनी चाहिए।

अवधि

नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) द्वारा तैयार की गई स्कीम के अनुसार, लोन अधिकतम 15 वर्ष की अवधि के लिए दिया जा सकता है। हालांकि कुछ बैंक वेबसाइट 20 वर्ष तक की अवधि के लिए लोन देने का उल्लेख करते हैं। यदि उधारकर्ता 15 वर्ष से अधिक अवधि के लिए जीवित रहता है, तो आवधिक भुगतान नहीं किए जाएंगे और उधारकर्ता अपने घर पर कब्जा बनाए रख सकता है।

लोन की राशि

लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेशो आमतौर पर 60-80 प्रतिशत होता है और अधिकतम 1 करोड़ रुपये का लोन ऑफर किया जाता है, फिर चाहे सम्पत्ति की वैल्यू अधिक ही क्यों न हो। उधारदाता शुरुआत में लोन की मंजूरी के समय सम्पत्ति की वैल्यू को निर्धारित करता है और बाद में समय-समय पर ऐसा किया जाता है। नियमों के अनुसार, इस बात की जानकारी उधारकर्ता को पहले ही (अपफ्रंट) रूप से दी जानी चाहिए। समीक्षा के बाद, सम्पत्ति के पुन: मूल्यांकन के बाद, उधारदाता को पीरियोडिक/एक मुश्त राशि में संशोधन करने का विकल्प होता है।

प्रोसेसिंग फी

अलग-अलग उधारदाता भिन्न-भिन्न प्रोसेसिंग फी लेते हैं। आमतौर पर, यह लोन राशि की 0.5% से 1% तक होती है। इससे किसी वारिस पर क्या प्रभाव पड़ता है? आमतौर पर, बच्चे अपने माता-पिता की वसीयत के अनुसार, उनकी सम्पत्ति को वसीयत के तौर पर प्राप्त करते हैं। रिवर्स मॉर्गेज के साथ, किसी बच्चे द्वारा तब तक सम्पत्ति को वसीयत के तौर पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है जब तक कि लोन और मॉर्गेज को क्लीयर नहीं कर दिया जाता है। लेकिन यदि कोई बच्चा कानूनी वारिस है, तो वह सम्पत्ति को रिक्लेम करने के लिए लोन चुका सकता है। दिशानिर्देशों के अनुसार वरिष्ठ नागरिक/ घर के मालिक की मृत्यु की स्थिति में, कानूनी वारिस को लोन को चुकाने का विकल्प मिलता है और वे सम्पत्ति के स्वामी बन सकते हैं या फिर वे उधारदाता को सहमति दे सकते हैं कि इस सम्पत्ति को बेच दिया जाए, अपने पूरे पैसे की वह वसूली कर सकता है और शेष राशि, यदि कोई है, टाइटल को कानूनी वारिस के लिए रिलीज कर सकता है।

तो क्या मुझे यह विकल्प चुनना चाहिए?

भारत में रिवर्स मॉर्गेज लोन पापुलर नहीं है क्योंकि सम्पत्ति की एक सेंटिमेंटल वैल्यू मानी जाती है और यह अनेक लोगों के लिए इन्हेरिटेंस के रूप में काम करती है। किसी व्यक्ति द्वारा रिवर्स मॉर्गेज का विकल्प उस समय चुना जा सकता है जब वर्तमान में आमदनी बहुत ही कम है जिससे की जरूरी खर्चे पूरे नहीं किए जा सकते हैं। इस विकल्प को चुनने से पहले, आप को उन सभी विकल्पों का पता लगाना चाहिए जिस से आप आय प्राप्त कर सकते हैं। अपनी आयु के अनुसार 10-20 वर्ष की अवधि के लिए रिवर्स मॉर्गेज तथा निवेश दोनों से मिलने वाले यील्ड की तुलना करें। आप इस बात की भी जांच कर सकते हैं कि क्या मौजूदा घर को बेचने से आपको उच्च कीमत मिलेगी जिससे आप छोटा घर खरीद सकते हैं और शेष राशि को अपने लिए मासिक आय प्राप्त करने के लिए निवेश कर सकते हैं। इससे उच्चतर मासिक आय मिलेगी और साथ ही आपकी मृत्यु पर आपके वारिस को घर भी मिल जाएगा।

अंत में, किसी वरिष्ठ नागरिक को रिवर्स मॉर्गेज के माध्यम से अदा की जाने वाली राशि को सम्पत्ति के मूल्य और अवधि के आधार पर तय किया जाएगा, और यह लोन वैल्यू के प्रति लाख की नियत राशि होगी। इसलिए, आपको आय सृजन करने के अपने सभी विकल्पों पर सावधानी से विचार करना चाहिए और यह देखना चाहिए कि क्या रिवर्स मॉर्गेज लेना सही होगा। यदि ऐसा करना सही है, तो आपको अपने चुने गए उधारदाता से पेआउट के बारे में पूरी जानकारी स्पष्ट रूप से प्राप्त करनी चाहिए और इस बात का मूल्याकंन करना चाहिए कि क्या यह खर्चों की पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी, इससे पहले की आप उस पर हस्ताक्षर करते हैं।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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