RPF: 2021 में मिशन जीवन रक्षा के तहत 600 लोगों की बची जान, अपराधों को रोकने के लिए किए गए काम

बिजनेस
कुंदन सिंह
कुंदन सिंह | Special Correspondent
Updated Jan 06, 2022 | 17:07 IST

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए मिशन जीवन रक्षा के तहत कई काम किए। 2021 में अपनी जान की परवाह न करते हुए 600 से अधिक यात्रियों की जान बचाई गई।

RPF 600 lives saved under Mission Jeevan Raksha in 2021
RPF: 2021 में मिशन जीवन रक्षा के तहत 600 लोगों की बची जान (Pic: रेलवे) 

नई दिल्ली। अपनी जान की परवाह न करते हुए बीते एक साल में RPF ने 601 यात्रियों की जान बचाई। भारतीय रेल और उनके यात्रियों की सुरक्षा के लिए बनाई गई विशेष सुरक्षा बल रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी आरपीएफ ने ये काम अपने मिशन जीवन रक्षा के तहत किया। बीते 4 सालों की बात करें तो ये आंकड़ा करीब 1650 से ज्यादा हैं। जहां ट्रेनों में चढ़ने की जल्दबाजी लेकर प्लेटफॉर्म पर भागदौड़ तक पटरी पर करने से लेकर आत्महत्या के प्रयास रोकने तक शामिल है। जब रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने अपनी जान को दांव पर लगाकर यात्रियों की जान बचाई। जिसको लेकर मंत्रालय से लेकर सिविल सोसाइटी पर उनके काम की सराहना तक कि गई।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर किए गए काम 
इसके अलावा बीते कुछ सालों में न केवल यात्रियों की सुरक्षा बल्कि महिलाओं की सुरक्षा से लेकर ड्रग पैडलर को पकड़ने से लेकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने और लापता लोगों को मिलवाने को लेकर भी बड़े पैमाने पर काम किए गए है। 

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आरपीएफ के द्वारा चलाई गई मेरी सहेली योजना
अकेली महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ के द्वारा चलाई गई मेरी सहेली योजना में  करीब 840 स्टेशनों पर 4000 से डब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और यात्रा के दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए 244 टीम तैनात की गई हैं। रेलवे के द्वारा मानव तस्करी को रोकने में भी आरपीएफ की एक बड़ी भूमिका रही है बीते साल 2021 के आंकड़ों की बात करें तो आरपीएफ ने 630 लोगों को मानव तस्करी से बचाया है जिसमें 400 के करीब माइनर बच्चे साथ में 100 के करीब लड़कियां और 54 के करीब महिलाएं शामिल है।.इनके अलावा छोटे मासूम बच्चों के लापता होने की घटना को रोकते हुए करीब अब तक रेलवे सुरक्षा बल ने 12000 बच्चों को या तो उनको बिछड़ने से बचाया है या फिर उन्हें सकुशल उनके माता-पिता के पास पहुंचाया है।

15 करोड़ के ड्रग्स जप्त
अलग अलग अपराध में शामिल अपराधीयों को भागने के क्रम में पकड़ने में एक बड़ी भूमिका रही। बीते साल की बात करें तो 3000 से ऐसे बड़े मामले रहे हैं जहां रेलवे सुरक्षा बल की तत्परता से असामाजिक तत्वों को पकड़ा गया है इसके अलावे नारकोटिक्स रक्त के मामले में भी रेलवे का अच्छा रिकॉर्ड रहा है बीते साल करीब 620 जग पेडल्लर्स को पकड़ने के साथ-साथ करीब 15 करोड़ वैल्यू के ड्रग्स को जप्त किया गया है।

आरपीएस के मदद से वाइल्डलाइफ और एनिमल स्मगलिंग को भी रोकने में बड़ी सफलता मिली है जिसमें विलुप्त हो रही बर्ड्स कछुआ जैसे तमाम रेयर स्पीशीज को लेकर गिरफ्तारियां की गई है रेलवे हेल्पलाइन 139 बीते साल 80000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए जिसे रेलवे ने हासिल किया है।

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