डेयरी, पोल्ट्री उद्योगों के लिए 15,000 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी, 35 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

AHIDF: आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 15,000 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दी गई।

Rs 15,000 crore Funds approved for dairy, poultry industries, 35 lakh people to get employment
डेयरी उद्योगों में लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड की स्थापना के लिए मंजूरी दी गई है
  • सरकार योग्य लाभार्थी को ब्याज पर 3% की आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी
  • योग्य लाभार्थियों को मूल लोन के लिए 2 वर्ष की अधिस्थगन अवधि के साथ लोन उपलब्ध कराया जाएगा

Animal Husbandry Infrastructure Development Fund : पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (24 जून) को कई बड़े फैसले लिए गए। इस बैठक में पशुपालन को लेकर भी निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने 15,000 करोड़ रुपए के पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड (AHIDF) की स्थापना के लिए अपनी मंजूरी दी। डेयरी सेक्टर में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए डेयरी सहकारी समितियों द्वारा निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती रही हैं। हालांकि, सरकार यह महसूस करती है कि प्रोसेसिंग और बेहतरीन बुनियादी ढांचे के विकास क्षेत्र में MSME और प्राइवेट कंपनियों को भी बढ़ावा देने और इसमें उनकी सहभागिता को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। आज AHIDF के रूप में कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई इस योजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 35 लाख लोगों को आजीविका का साधन मिल सकेगा।   

भारत में डेयरी उत्पादों के अंतिम मूल्य की करीब 50-60% राशि किसानों के पास ही आती है। इसका मतलब इस क्षेत्र में वृद्धि का किसानों की आय पर अहम और सीधा असर पड़ सकता है। डेयरी बाजार का आकार और दूध की बिक्री से किसानों को होने वाली आय का इसमें प्राइवेट व को-ऑपरेटिव सेक्टर के विकास से सीधा और नजदीकी संबंध है। इसलिए, AHIDF में निवेश प्रोत्साहन से न सिर्फ सात गुना प्राइवेट निवेश का लाभ होगा बल्कि यह किसानों को भी इसमें निवेश बढ़ाने को प्रोत्साहित करेगा ताकि उनका उत्पादन बढ़ सके जिससे उनकी कमाई में भी बढ़ोतरी होगी।

पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड (AHIDF) प्राइवेट सेक्टर में डेयरी एवं मीट प्रोसेसिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतरीन बुनियादी ढांचे के विकास और पशु आहार संयंत्र की स्थापना में निवेश के अति आवश्यक प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए उचित सुविधा उपलब्ध कराएगा। AHIDF योजना के तहत योग्य लाभार्थी किसान उत्पादक संगठन (FPO),  MSME, सेक्शन 8 कंपनियां, प्राइवेट कंपनियां और प्राइवेट उद्यमी होंगे जिन्हें 10% की मार्जिन राशि का योगदान करना होगा। शेष 90% की राशि अनुसूचित बैंक द्वारा कर्ज के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकार योग्य लाभार्थी को ब्याज पर 3% की आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी। योग्य लाभार्थियों को मूल लोन के लिए 2 वर्ष की अधिस्थगन अवधि के साथ लोन उपलब्ध कराया जाएगा और लोन की पुनर्भुगतान अवधि 6 साल होगी। भारत सरकार 750 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना भी करेगी जिसका मैनेजमेंट नाबार्ड करेगा। क्रेडिट गारंटी उन स्वीकृत परियोजनाओं के लिए दी जाएगी जो  MSME के तहत परिभाषित होंगी। कर्जदार की क्रेडिट सुविधा की 25% तक गारंटी कवरेज दी जाएगी।

प्राइवेट सेक्टर के जरिए निवेश से संभावनाओं के कई रास्ते खुलेंगे। AHIDF के 15,000 करोड़ रुपए और प्राइवेट निवेशकों के लिए ब्याज में आर्थिक सहायता की योजना से इन परियोजनाओं के लिए जरूरी निवेश को पूरा करने में पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और इससे निवेशकों को अपना रिटर्न बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। योग्य लाभार्थियों द्वारा प्रोसेसिंग और मूल्य वर्धन इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से इन प्रोसेस्ड और मूल्य वर्धित सामानों का निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

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