नई दिल्ली: बैंक लॉकर भारतीय सामाज में एक बहुत ज्यादा इस्तेमाल होने वाले टर्म्स में से एक है। कोई व्यक्ति व्यक्तिगत (निजी) या फिर संयुक्त दोनों तरह से बैंक में डिपॉजिट लॉकर खुलवा सकता है। लॉकर खुलवाने वाला व्यक्ति (यानी लॉकर होल्डर या लॉकर धारक) अपना नॉमिनी भी रजिस्टर कर सकता है, जो उसकी मृत्यू के बाद लॉकर का उत्तराधिकारी होगा। आरबीआई के नियमानुसार नॉमिनी चाहे तो बैंक लॉकर को होल्डर की मत्यू के बाद इस्तेमाल करना जारी रह सकता है। आइए जानते हैं लॉकर से जुड़ी जरूरी बातें...
यदि किसी अनहोनी के कारण बैंक लॉकर धारक की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में नॉमिनी को लॉकर का इस्तेमाल करने के लिए बैंक को एक एप्लिकेशन देना होता है।
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