टैक्स कटौती के दृष्टिकोण से वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए निवेश करने के लिए आखिरी तारीख 31 मार्च, 2021 है। अब भी कुछ दिन बाकी हैं अगर आप ऐसा नहीं कर पाए हैं तो जल्दी करें। हालांकि, टैक्स सेविंग प्लानिंग बनाते समय अपने बजट से अधिक नहीं होना चाहिए और टैक्स बचाने के लिए उधार लेना सही नहीं है। जॉब लॉस और सैलरी में कटौती से टैक्सपेयर्स की बचत क्षमता प्रभावित हुई है। इसका असर सेविंग या निवेश पर पड़ा है।
इन सभी कारकों के बावजूद, टैक्सपेयर्स अभी भी कुछ खर्चों पर कटौती का दावा कर सकते हैं जो वे खर्च करते हैं। कुछ निश्चित खर्च हैं जो टैक्स कटौती के लिए धारा 80सी के तहत कोई अतिरिक्त निवेश किए बिना किए जा सकते हैं।
उन लोगों के लिए जिनके पास बच्चों के स्कूल फी से संबंधित खर्च हैं, वे इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक का दावा कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर कोई अभिभावक दो बच्चों के लिए 70,000 रुपए का भुगतान करता है तो कटौती के तहत 1.4 लाख रुपए का दावा किया जा सकता है। भारत में किसी भी कॉलेज, स्कूल, विश्वविद्यालय, कॉलेज या किसी भी शैक्षणिक संस्थान को दी जाने वाली शिक्षण शुल्क का लाभ किसी दिए गए वित्तीय वर्ष के लिए दो बच्चों तक उठाया जा सकता है और यह आपके बोझ को कम करने का प्रभावी तरीका है। यह कटौती, हालांकि, कोचिंग क्लासेस, हॉस्टल या मेस के खर्चों के लिए दावा नहीं की जा सकती।
महामारी के बाद नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच और बीमा अपरिहार्य हो गया है। स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत टैक्स कटौती के लिए योग्य है, आपके द्वारा प्राप्त की जाने वाली कटौती की राशि आपके परिवार के आकार के आधार पर व्यापक रूप से अलग हो सकती है। एक टैक्सपेयर स्वयं और परिवार के सदस्यों के लिए प्रीवेंटिव स्वास्थ्य जांच पर 1 वर्ष में 5,000 रुपए तक की कटौती का दावा कर सकता है। यह 25,000 रुपए की ओवरऑल सीमा के भीतर है कि कोई व्यक्ति अपने परिवार समेत पत्नी और बच्चों के लिए स्वयं के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में कटौती का दावा कर सकता है, बशर्ते कि सभी बीमित व्यक्ति 60 वर्ष से कम आयु के हों।
अगर आप अपने, अपने न्यूकलियर परिवार और नन सीनियर सिटिजन माता-पिता के लिए प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो आप अपने स्वयं के न्यूकलियर परिवार के लिए 25,000 रुपए और अपने माता-पिता के लिए 25,000 रुपए और कुल 50,000 रुपए का लाभ उठा सकते हैं।
एक वित्तीय वर्ष के दौरान ली गई होम लोन की मूल राशि की अदायगी के खिलाफ धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए का दावा भी किया जा सकता है। यहां तक कि स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क 1.5 लाख रुपए की सीमा के तहत दावा किया जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऐसी संपत्ति (घर) पोजेशन मिलने के 5 साल के भीतर बेचा नहीं जा सकता है। अगर आप संपत्ति बेचने का फैसला लेते हैं, तो बिक्री पर कटौती का दावे को आय में वापस जोड़ा जाएगा।
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