क्या दिवालिया होगी देश की प्रमुख चीनी और एथनॉल विनिर्माता कंपनी? SBI ने दायर की याचिका

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Aug 17, 2022 | 13:39 IST

Bajaj Hindusthan Sugar Limited: बजाज हिंदुस्तान ने कहा कि कंपनी अपनी चीनी मिलों में उत्पादित Bagasse से करीब 430 मेगावॉट बिजली पैदा करती है। इससे यूपी स्टेट ग्रिड को लगभग 100 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति की जाती है।

SBI filed insolvency petition against Bajaj Hindusthan Sugar Limited
दिवालिया होगी देश की प्रमुख चीनी और एथनॉल विनिर्माता कंपनी!  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड भारत की प्रमुख चीनी और एथनॉल विनिर्माता कंपनी है।
  • बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड बजाज समूह (Kushagra) का हिस्सा है। इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • उत्तर प्रदेश में कंपनी के 14 चीनी संयंत्र हैं।

नई दिल्ली। सरकारी सेक्टर के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने देश की सबसे बड़ी चीनी कंपनी बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड (Bajaj Hindusthan Sugar Ltd) के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर कर दी है। एसबीआई ने फाइनेंशियल क्रेडिटर के रूप में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की इलाहाबाद पीठ के समक्ष याचिका दायर की है। इनसॉलवेंसी एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता 2016 की धारा 7 के तहत याचिका दायर की गई है।

पिछले वित्त वर्ष हुआ 267 करोड़ का घाटा
एक नियामक फाइलिंग में, बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड ने बताया कि 'भारतीय स्टेट बैंक, वित्तीय लेनदार ने अपने वकील के माध्यम से बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड की कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू की है।' पिछले वित्तीय वर्ष में बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड को 267.54 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा हुआ था। इस दौरान कंपनी का टर्नओवर 5,607 करोड़ रुपये था।

जून तिमाही में इतना हुआ था घाटा
बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड ने 12 अगस्त को बताया कि चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध घाटा 45 करोड़ रुपये और कुल आय 1,538 करोड़ रुपये रही।

जून 2022 तिमाही के दौरान, लोन की किस्त के भुगतान में देरी और वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय डिबेंचर पर कूपन दर ब्याज की वजह से ऋणदाताओं ने कंपनी के अकाउंट को लोन क्लासिफिकेशन पर आरबीआई के नियमों के अनुसार गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) के रूप में वर्गीकृत किया है।

कंपनी के अकाउंट्स के समाधान के लिए कंपनी के ऋणदाताओं ने 28 जनवरी 2022 को एक इंटर क्रेडिटर्स एग्रीमेंट (ICA) पर हस्ताक्षर किए। आरबीआई की S4A योजना के अनुसार ऋण पुनर्गठन से कंपनी की तरलता की स्थिति में सुधार हुआ है। रेजॉल्यूशन प्लान में इसके ऋण में कमी, कैपिटल स्ट्रक्चर का पुनर्गठन, किसानों के गन्ना बकाया का भुगतान, गन्ने की उपलब्धता और स्पलाई में वृद्धि आदि की परिकल्पना की गई है।

कंपनी के संयंत्रों की कुल गन्ना पेराई क्षमता 1,36,000 टन प्रतिदिन और शराब डिस्टिलेशन क्षमता 800 किलोलीटर प्रतिदिन है। यह एथनॉल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और वर्तमान में प्रति वर्ष 38 मिलियन लीटर एथनॉल का उत्पादन करती है। कंपनी ने अपनी एथनॉल निर्माण क्षमता को बढ़ाकर लगभग 218 मिलियन लीटर प्रति वर्ष कर दिया है।

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