दिल्ली : कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था का तो तहस नहस कर दिया है। सबकुछ पटरी पर से उतर गया है। इसका असर बैंकिंग सिस्टम में पड़ा है। हालांकि अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार समेत बैंक कई महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कहा कि वह 10 जून से अपनी फंड की मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड इंटरेस्ट रेट (MCLR) में 0.25% की कटौती करेगा। बैंक ने कहा है कि एक साल की अवधि की MCLR रेट को 7.25% से घटाकर 7% कर दिया गया है। बैंक की ओर से लगातार 13वीं बार MCLR रेट में कटौती की गई है। इससे होम लोन सस्ता हो जाएगा।
SBI इससे पहले बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी लोन रेट (EBR) के साथ ही रेपो रेट से जुड़ी लोन की ब्याज दर ( RLLR) में एक जुलाई से 0.40% कटौती की घोषणा कर चुका है। बैंक ने EBR रेट को जहां 7.05% से घटाकर 6.65% सालाना कर दिया है वहीं रेपो रेट से जुड़ी ब्याज रेट को 6.65% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है। SBI ने अपनी आधार रेट को 0.75 आधार अंक घटाकर 7.40% कर दिया। पहले यह 8.15% पर थी। यह कटौती 10 जून से प्रभावी होगी।
बैंक की रिलीज में कहा गया है कि इस हिसाब से MCLR रेट से जुड़े होम लोन की समान मासिक किस्त की राशि में 421 रुपए की कमी आएगी वहीं EBR, RLLR से जुड़े होम लोन की मासिक किस्त में 660 रुपए की कमी आएगी। यह गणना 30 साल की अवधि के 25 लाख रुपए तक के होम लोन पर की गई है।
रिजर्व बैंक (RBI) ने 22 मई को रेपो रेट में 0.40% की कटौती कर उसे 4% कर दिया। उसके बाद ही SBI ने एक्सटर्नल स्टैंडर्ड से जुड़ी लोन की ब्याज रेट और रेपो रेट से जुड़े लोन की रेट में यह कटौती की।
पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक जैसे कुछ अन्य बैंकों ने भी रेपो रेट और MCLR दरों से जुड़ी ब्याज दरों में कटौती की है।
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