Senior Citizen Savings Scheme (SCSS): कोरोना वायरस संकट काल में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इस संकट से देश को निकालने के लिए बैंकों ने छोटी बचत योजनाओं और फिक्सड डिपॉजिट पर ब्याज दरें कम कर दी हैं। शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा हो गया है क्योंकि उतार चढ़ाव बहुत होता है। अक्सर निवेशक चाहते हैं कि उन्हें रिटर्न भी बेहतर मिले और उनका पैसा सुरक्षित भी रहे। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) एक बेहतर प्लान में जिसमें जोखिम ना के बराबर है। साथ ही आप रिटायरमेंट के बाद भी घर बैठे पैसा कमा सकते हैं।
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में सालाना ब्याज 7.4% मिलता है। इस स्कीम में मैच्योरिटी अवधि 5 साल की है। इसमें एक साथ ही निवेश कर सकते हैं। इसमें 15 लाख रुपए से अधिक की राशि नहीं रह सकती है। 1000 रुपए करके भी जमा किया जा सकता है। इस स्कीम में 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति खाता खुलवा सकता है।अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और वीआरएस ले चुका है तो वह भी एससीएसएस में अकाउंट खोल सकता है। लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक महीने के अंदर यह खाता खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से अधिक नहीं होना चाहिए। इस स्कीम के तहत जमा करने वाले व्यक्तिगत या अपनी पत्नी/पति के साथ एक से ज्यादा खाते भी रख सकते हैं। लेकिन सभी को मिलाकर अधिकतम निवेश सीमा 15 लाख से अधिक नहीं हो सकती। आइए जानते हैं किस तरह आप रिटायर होने के बाद घर बैठे पैसा कमा सकते हैं।
अगर सीनियर सिटीजंस स्कीम में आप एक साथ 05 लाख रुपए निवेश करते हैं तो सालाना 7.4 प्रतिशत की ब्याज दर से 5 साल बाद मैच्योरिटी पूरा होने पर कुल 714480 रुपए मिलेंगे। यहां यह जानना जरूरी है कि आपको ब्याज के तौर पर 214480 रुपए का फायदा होगा। इस आप अपने रिटायरमेंट के पैसे को सेविंग अकाउंट में ना रख कर पोस्ट ऑफिस के इस स्कीम में निवेश कर बेहतर रिटर्न पाएं।
एक लाख से कम रकम के साथ खाता नकद में खुलवाया जा सकता है लेकिन उससे अधिक राशि के लिए चेक का इस्तेमाल करना होगा। खाता खोलने और बंद करवाने के समय नॉमिनेशन फैसिलिटी उपलब्ध है। खाते को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में ट्रांसफर किया जा सकता है। समय सीमा से पहले भी खात बंद कर सकते हैं। एक साल तक बंद खाते को क्लोज करने पर जमा राशि का डेढ़ प्रतिशत कट जाएगा। दो साल बाद बंद करने पर एक प्रतिशत कटेगा। स्कीम की समयसीमा खत्म होने पर इसे तीन साल और बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए मैच्योरिटी पूरा होने के एक साल के भीतर आवेदन देना होगा। इस स्कीम में इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट मिलती है।
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